कोरोना के दो नए वेरिएंट
देश के कम से कम 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना के नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, और ठाणे जैसे बड़े शहरों में संक्रमण के मामले सबसे अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान की है। इन नए वेरिएंट्स के कारण संक्रमण की दर में फिर से तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन वेरिएंट्स की जांच और निगरानी के साथ-साथ सावधानी बरतना आवश्यक है।
सरकार हाई अलर्ट पर
कोरोना संक्रमण में फिर से बढ़ोतरी के बीच सरकार ने अस्पतालों को ICU बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति और आवश्यक उपकरणों के साथ पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। संक्रमण की स्थिति पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।
दिल्ली में तीन साल बाद कोरोना के 23 नए मामले
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले तीन सालों में पहली बार 23 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। अधिकांश मरीज हल्के लक्षणों के साथ हैं और उन्हें गंभीर समस्या नहीं हुई है।
कर्नाटक और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से हुई मौतें
कर्नाटक में 84 वर्षीय एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई, जिनके पहले से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं। वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे नगर निगम ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज कालवा अस्पताल में इलाज़ के दौरान एक 21 वर्षीय कोविड मरीज की मौत हुई।
मई में केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले
मई महीने में केरल में कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं, जहां अब तक 273 लोग संक्रमित हो चुके हैं। पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भी मामूली वृद्धि देखी गई है, जहां 35 नए मामले सामने आए हैं।
मुंबई, तमिलनाडु में भी बढ़ रहे कोरोना केस
मुंबई में मई के महीने में अब तक 95 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जो महाराष्ट्र के कुल कोविड मामलों का बड़ा हिस्सा हैं। तमिलनाडु में भी मई में 66 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे वहां की स्वास्थ्य प्रणाली पर सतर्कता बढ़ गई है।
दक्षिण एशिया में अचानक बढ़े मामले –
दक्षिण एशिया में कोविड-19 के मामलों में फिर से तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है, जिसका प्रमुख कारण ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट JN.1 बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैरिएंट काफी एक्टिव है, लेकिन अभी तक इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंताजनक वैरिएंट की श्रेणी में नहीं रखा है।
क्या हैं JN.1 वैरिएंट के लक्षण –
JN.1 वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में आमतौर पर हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं। ये लक्षण चार दिनों के भीतर सामान्यतः ठीक हो जाते हैं। प्रमुख लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, थकावट इत्यादि शामिल हैं।
भारत में कोरोना के प्रमुख स्ट्रेन की स्थिति
भारत में वर्तमान में JN.1 वैरिएंट प्रमुख स्ट्रेन बना हुआ है, जो जांचे गए सैंपल्स का लगभग 53% हिस्सा है। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) का स्थान है।
गंभीरता और सावधानियां
NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए वैरिएंट्स के बावजूद, अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है कि ये वैरिएंट अधिक गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती के कारण बन रहे हैं। ज्यादातर मरीजों के लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे हल्के होते हैं।