उन्होंने कहा कि भारत ने सद्भावना के तहत 1960 में पाकिस्तान से सिंधु जल संधि की थी, लेकिन पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी हमले कर संधि की भावना को बार-बार तोड़ा है। अब तक आतंकवाद की वजह से 20 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं।
पाक के अड़ियल रवैये से बाधित जल प्रबंधन
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण बांध निर्माण और संचालन में बदलाव जरूरी हैं, पर पाकिस्तान बार-बार संधि के तहत स्वीकृत संशोधनों को रोकता रहा है। भारत ने पिछले दो वर्षों में कई बार संशोधन वार्ता का प्रस्ताव दिया, पर पाकिस्तान ने हर बार ठुकरा दिया। यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत ने संधि को स्थगित कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह स्थगन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना विश्वसनीय और स्थायी रूप से बंद नहीं करता।
यूएन में नागरिक सुरक्षा पर पाक की बोलती बंद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक अन्य बैठक में, जहां संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा पर चर्चा हो रही थी, भारत ने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला। हरीश पी. ने बताया कि इस महीने पाक सेना ने जानबूझकर भारतीय सीमा के गांवों पर गोलाबारी की, जिससे 20 से अधिक नागरिक मारे गए और 80 से ज्यादा घायल हुए। उन्होंने कहा कि जो देश आतंकियों और नागरिकों में फर्क नहीं करता, उसे नागरिक सुरक्षा पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। भारत ने साफ कर दिया कि अब वह आतंकवाद पर कोई नरमी नहीं बरतेगा और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की असलियत उजागर करता रहेगा।