लगाए गए ANPR कैमरे
बता दें कि दिल्ली के लगभग 500 पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगाए जा चुके हैं। इन कैमरों की मदद से अब तक करीब 3.63 करोड़ वाहनों को स्कैन किया गया है। इन वाहनों में से करीब 5 लाख गाड़ियां नियमों का उल्लंघन में पाई गई। इसके अलावा 29.52 लाख गाड़ियों के मालिकों ने अपने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट रिनुअल करवाया है।
100 टीमें की गई तैनात
दिल्ली परिवहन विभाग ने इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए 100 विशेष टीमें तैनात की हैं, जो पेट्रोल पंपों और सड़कों पर निगरानी रखेंगी। यह नियम न केवल दिल्ली में पंजीकृत वाहनों पर लागू होगा, बल्कि अन्य राज्यों से आने वाले पुराने वाहनों पर भी नजर रखी जाएगी।
NCR क्षेत्र में भी होगा लागू
यह नियम धीरे-धीरे पूरे एनसीआर क्षेत्र में लागू होगा, जिसमें 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, और सोनीपत जैसे शहर शामिल होंगे। 1 अप्रैल 2026 से यह अन्य एनसीआर शहरों में भी प्रभावी होगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस पहल से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए, जिससे एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण हो सके। कैसे काम करता है ANPR सिस्टम
ANPR (Automatic Number Plate Recognition) सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्वचालित रूप से पढ़ने और पहचानने के लिए उपयोग की जाती है। यह सिस्टम कैमरों, सॉफ्टवेयर और डेटाबेस के संयोजन से काम करता है। ANPR सिस्टम में लगे हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे (अक्सर इन्फ्रारेड सपोर्ट के साथ) वाहन की नंबर प्लेट की तस्वीर खींचते हैं। ये कैमरे दिन-रात, विभिन्न मौसम और तेज गति से चलते वाहनों की भी स्पष्ट तस्वीर ले सकते हैं। कैप्चर की गई तस्वीर को प्रोसेस किया जाता है। इसमें नंबर प्लेट को इमेज में ढूंढना (लोकलाइजेशन), उसकी क्वालिटी को बेहतर करना (नॉइज़ रिमूवल, ब्राइटनेस एडजस्टमेंट) और नंबर प्लेट के हिस्से को अलग करना शामिल होता है।