PIB का फैक्ट चेक और खुलासा
PIB फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस वायरल दावे की सच्चाई का खुलासा किया। PIB ने अपने बयान में कहा कि व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर फैल रहा मैसेज, जिसमें RBI के नाम से बैंकों को सितंबर 2025 तक 500 रुपये के नोट एटीएम से हटाने का निर्देश देने की बात कही गई है, पूरी तरह गलत है। PIB ने इस दावे का खंडन करते हुए इसे फर्जी करार दिया और लोगों से ऐसी खबरों पर भरोसा न करने की अपील की।
वायरल मैसेज में क्या था?
वायरल मैसेज में दावा किया गया कि RBI ने बैंकों को सितंबर 2025 तक एटीएम से 500 रुपये के नोट निकालने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, मैसेज में यह भी कहा गया कि मार्च 2026 तक 75 प्रतिशत एटीएम और उसके बाद 90 प्रतिशत एटीएम केवल 100 और 200 रुपये के नोट ही वितरित करेंगे। लोगों से 500 रुपये के नोट जल्द से जल्द खर्च करने की सलाह भी दी गई। इस तरह के दावों ने जनता में भ्रम पैदा किया, खासकर उन लोगों में जो सोशल मीडिया पर मिली जानकारी को बिना जांचे सच मान लेते हैं।
PIB की अपील: आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें
PIB ने अपने फैक्ट चेक में न केवल इस दावे को खारिज किया, बल्कि लोगों से यह भी अपील की कि वे ऐसी भ्रामक खबरों को शेयर करने से पहले आधिकारिक स्रोतों, जैसे RBI की वेबसाइट या PIB के बयानों, से जानकारी की पुष्टि करें। PIB ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली ऐसी अफवाहें लोगों को गुमराह करने और अनावश्यक पैनिक फैलाने का काम करती हैं।
सोशल मीडिया और भ्रामक खबरों का खतरा
सोशल मीडिया के इस दौर में भ्रामक खबरें तेजी से फैलती हैं, जिससे लोगों में गलतफहमियां और डर पैदा होता है। 500 रुपये के नोट को लेकर यह वायरल मैसेज इसका ताजा उदाहरण है। पहले भी नोटबंदी और मुद्रा से संबंधित अफवाहें सोशल मीडिया पर फैल चुकी हैं, जिनका RBI और PIB ने खंडन किया है।
500 के नोट को लेकर वायरल दावा फर्जी
PIB का फैक्ट चेक इस बात का सबूत है कि सोशल मीडिया पर हर खबर पर भरोसा नहीं करना चाहिए। 500 रुपये के नोट को लेकर वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है, और RBI ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी खबरों को शेयर करने से पहले सत्यता की जांच करें, ताकि भ्रामक जानकारी का प्रसार रोका जा सके।