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‘डॉक्टर डेथ’: 100 से ज्यादा हत्याएं, 7 उम्रकैद और एक फांसी की सज़ा, दो बार परोल से भागने वाले सीरियल किलर की खौफनाक कहानी

देवेंद्र शर्मा की कहानी एक ऐसे डॉक्टर की है, जिसने जीवन बचाने के बजाय 100 से अधिक लोगों की जान ली। अदालत ने उसे सात बार उम्रकैद और एक बार फांसी की सजा सुनाई है।

भारतMay 27, 2025 / 08:19 am

Siddharth Rai

पीली टीशर्ट में सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा (photo – Delhi police/X)

Doctor Death Devender Sharma Serial Killer: बिहार के सीवान से बीएएमएस की पढ़ाई करने वाले डॉ. देवेंद्र शर्मा ने अपराध की ऐसी दुनिया में कदम रखा कि वह पूरे देश में ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात हो गया। देवेंद्र कोई आम सीरियल किलर नहीं था, बल्कि उस पर 100 से अधिक हत्याओं का आरोप है। अदालत ने उसे सात बार उम्रकैद और एक बार फांसी की सजा सुनाई, लेकिन इसके बावजूद वह दो बार पैरोल पर रिहा होकर फरार हो चुका है।

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‘डॉक्टर डेथ’ की तीसरी गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में देवेंद्र शर्मा को तीसरी बार गिरफ्तार किया है। हत्या के आरोपित इस सीरियल किलर ने अपनी पहचान छुपाने के लिए साधु का रूप धारण कर लिया था। वह राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई इलाके में ‘दयादास महाराज’ के नाम से एक आश्रम में रह रहा था, जहां पूजा-पाठ, धार्मिक प्रवचन और मरीजों का इलाज करता था। पुलिस ने छह महीने की गुप्त निगरानी के बाद उसकी असली पहचान कर उसे गिरफ्तार किया। इतने लंबे समय तक साधु के रूप में छिपा रहना और अपनी शख्सियत बदलना इतना सफल था कि अनुभवी अफसर भी उसे पहचानने में भ्रमित हो गए थे।

शातिर रणनीति से बचता रहा ‘डॉक्टर डेथ’

देवेंद्र शर्मा ने पैरोल के लिए भी शातिर दिमाग का इस्तेमाल किया। एक बार बीमार मां के इलाज के नाम पर और दूसरी बार अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल प्राप्त कर जेल से बाहर निकला, लेकिन दोनों बार फरार हो गया। उसने अपनी पहचान बदलकर साधु बनना चुना, ताकि कानून की नज़रों से बच सके। सुबह चार बजे उठकर पूजा करता, प्रवचन देता और लोगों का इलाज करता। लेकिन असल में वह एक खूनी दरिंदा था।

100 से ज्यादा हत्याओं का आरोप

1998 से 2004 के बीच देवेंद्र शर्मा ने करीब 100 से अधिक हत्याएं कीं। उसकी कहानी एक साधारण आयुर्वेदिक डॉक्टर से एक क्रूर अपराधी बनने की है। अलीगढ़ में अपना क्लिनिक चलाने वाला यह डॉक्टर धोखाधड़ी का शिकार हुआ, जब उसने गैस एजेंसी की डीलरशिप के लिए जमा पूंजी खो दी। इसी झटके के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।
किडनी ट्रांसप्लांट के अवैध रैकेट में शामिल होकर वह मरीजों की किडनी के लिए हत्याएं करने लगा। जब डोनर कम मिले तो उसने ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर उनकी लाशों को मगरमच्छों से भरी हजारा नदी में फेंक दिया, जिससे शव कभी नहीं मिले।

फर्जी गैस एजेंसी और टैक्सी ड्राइवरों की हत्याएं

देवेंद्र ने अलीगढ़ में फर्जी गैस एजेंसी खोलकर ट्रक ड्राइवरों को मारना शुरू किया। वह ड्राइवरों की लाशों को हजारा नदी में डाल देता, जहां मगरमच्छों की भरमार थी, इसलिए शव कभी नहीं मिले। इसके बाद उसने टैक्सी ड्राइवरों की हत्याओं का तरीका अपनाया। टैक्सी लेकर वह ड्राइवर को मारकर शव नदी में डाल देता और टैक्सी को ब्लैक मार्केट में बेच देता।

गिरफ्तारी और अदालत की सजा

2004 में पहली बार गिरफ्तारी के बाद देवेंद्र शर्मा के खिलाफ 21 हत्याओं के मामले दर्ज हुए। उसने खुलासा किया कि उसकी हत्या की संख्या लगभग 50 तक पहुंच चुकी है। अदालत ने उसे सात बार उम्रकैद और एक बार फांसी की सजा सुनाई। गुरुग्राम में एक मर्डर केस में मौत की सजा भी मिली। हालांकि, कई मामलों में कोई शव नहीं मिलने के कारण सजा सीमित रही।

पैरोल पर रिहाई और फिर फरारी

2020 तक जयपुर सेंट्रल जेल में बंद देवेंद्र को जेल में अच्छे व्यवहार के कारण पैरोल मिली, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। फिर दिल्ली में नाम बदलकर प्रॉपर्टी डीलर बन गया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 2023 में दूसरी बार पैरोल मिली, लेकिन फिर फरार हो गया। लगभग डेढ़ साल तक पुलिस को चकमा देता रहा। लेकिन छह महीने पहले मिली गुप्त सूचना के आधार पर उसे फिर से गिरफ्तार किया गया।

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