शिकायत में क्या कहा
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के कार्तिकनाथ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर में वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी। इसके बाद भी 2 अगस्त को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे और उनके बेटे कनिष्ककांत दुबे, दोनों सांसदों के पीए और देवघर के कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया था।
पुलिसकर्मियों से की धक्का-मुक्की
कार्तिनाथ ठाकुर ने अपनी शिकायत में बीजेपी नेताओं द्वारा पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने शिकायत में कहा कि पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की करने के कारण मंदिर परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। भक्तों के साथ कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी। BJP नेताओं द्वारा जबरन प्रवेश कर पूजा करने से पूजा बाधित हुई और व्यवधान भी हुआ।
स्थानीय व्यक्ति ने पहुंचाया जबरन
शिकायतकर्ता ने कहा कि उस रात करीब 8:45 बजे सायंकालीन कांचा जल पूजा के दौरान यह घटना हुई है। पुरोहितों ने सांसदों और उनके साथियों को गर्भगृह में प्रवेश से मना किया, लेकिन स्थानीय व्यक्ति अभयानंद झा ने मनोज तिवारी और उनके सचिव को जबरन अंदर पहुंचा दिया।
अराजकता फैलाने का भी लगाया आरोप
बता दें कि शिकायतकर्ता ने बीजेपी सांसदों पर अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं द्वारा जबरन प्रवेश करने से मौजूद हजारों भक्तों में अफरा-तफरी फैल गई।
निशिकांत दुबे ने की प्रतिक्रिया
एफआईआर दर्ज होने पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी सांसद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- पूजा करने के कारण यह केस है। अभी तक 51 केस मेरे उपर दर्ज हैं। कल देवघर एयरपोर्ट से सीधे पुलिस स्टेशन जाकर गिरफ़्तारी दूंगा।
क्या बोले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी सांसदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नीचता की हद पार करने पर उतारू होकर साज़िश रचने और षड्यंत्र करने में लगे रहने वाले झारखंड पुलिस के कुछ अफ़सरों को याद रखना चाहिए कि वर्दी पहनने का मतलब जनता की रक्षा है, ना कि व्यक्तिगत वैमनस्यता और निजी स्वार्थ पूर्ति के लिये न्याय का गला घोंटना।
‘कुर्सी और वर्दी समय के मेहमान’
मरांडी ने आगे कहा कि अगर कानून के रक्षक ही साज़िश करने लगें, तो जनता का भरोसा टूटता नहीं, बल्कि एक दिन उठकर सच्चाई का तूफ़ान बन जाता है। ये नहीं भूलना चाहिए कि कुर्सी और वर्दी समय के मेहमान हैं। कर्म और नीयत ही असली पहचान है!”