scriptवृद्धाश्रम में छिपा था 18 साल से फरार ‘फर्जी आर्मी अफसर’, लाखों की ठगी के बाद दिल्ली पुलिस ने ऐसे दबोचा | Delhi: 18 years on the run: Fake ‘Army officer’ hiding in Punjab old age home finally caught | Patrika News
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वृद्धाश्रम में छिपा था 18 साल से फरार ‘फर्जी आर्मी अफसर’, लाखों की ठगी के बाद दिल्ली पुलिस ने ऐसे दबोचा

दिल्ली पुलिस ने 77 वर्षीय सीताराम सिंगला को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी आर्मी वेलफेयर हाउसिंग स्कीम (AWHO) के नाम पर लोगों को जमीन-जायदाद और नौकरियों का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की।

भारतJun 02, 2025 / 09:12 am

Siddharth Rai

दिल्ली पुलिस ने 18 साल से फरार चल रहे एक 77 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया (Representative Image/ ANI)

दिल्ली पुलिस ने 18 साल से फरार चल रहे एक 77 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, वह खुद को सेना का कर्नल बताकर लोगों को धोखा देता था। आरोपी ने एक फर्जी “आर्मी वेलफेयर हाउसिंग स्कीम (AWS)” के नाम पर लोगों को जमीन-जायदाद देने का झांसा देकर लाखों की ठगी की है।

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पटियाला के एक वृद्धाश्रम में छिपकर रह रहा था

सीताराम सिंगला नाम के इस सख्श ने पंजाब विश्वविद्यालय से इतिहास और अर्थशास्त्र में एमए किया है। साल 2007 में उसे जमानत पर रिहा किया गया था, जिसके बाद वह फरार हो गया था। पुलिस के अनुसार, वह इतने सालों से पटियाला के एक वृद्धाश्रम में छिपकर रह रहा था, ताकि उसकी पहचान उजागर न हो सके।

ऐसा गिरफ्तार हुआ फर्जी आर्मी अफसर

शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम को आरोपी के ठिकाने की जानकारी मिली। डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया, “हमें जानकारी मिली कि आरोपी पंजाब के मानसा का रहने वाला है। जमानत पर छूटने के बाद वह पटियाला के एक वृद्धाश्रम में छिपा हुआ था। हमारी टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।”
पुलिस ने बताया कि सिंगला को 2007 में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी तब हुई जब विवेक विहार थाने में एक बैंक कर्मचारी, अनिल निगम, ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिंगला ने उनसे 56,000 रुपये की ठगी की थी।
डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया, “आरोपी ने शिकायतकर्ता को एक फ्लैट का ऑफर दिया, जिसे उसने कहा कि यह आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (AWHO) की ‘फर्जी योजना’ के तहत बनाया जाएगा। साथ ही, उसने दुकान बुक करने का भी प्रस्ताव दिया। आरोपी ने शिकायतकर्ता से 56,000 रुपये अग्रिम राशि के तौर पर लिए और दो रसीदें भी दीं।”
पुलिस ने बताया कि सिंगला को 2007 में गिरफ्तार किया गया था और उसे ज़मानत मिल गई थी। हालांकि, उसके बाद वह अदालत में पेश नहीं हुआ और तब से फरार था। 26 अप्रैल 2025 को कारकडूमा अदालत ने उसे अपराधी घोषित कर दिया।
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सिंगला का जन्म 1948 में सिरसा में हुआ था और 1987 में वह दिल्ली आ गया। डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया, “सिंगला ने भारतीय सेना में ठेकेदार के तौर पर काम शुरू किया और पूरे देश के कई कैंटोनमेंट इलाकों में तेल सप्लाई किया। इस दौरान उसने सेना के अधिकारियों की रैंक और भर्ती प्रक्रिया की गहरी जानकारी हासिल की।”
भीतर की जानकारी हासिल करने के बाद, सिंगला ने खुद को कर्नल बताना शुरू कर दिया। उसने आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (AWHO) का झांसा देकर लोगों को सस्ते दामों पर जमीन-जायदाद और नौकरियों का लालच दिया और उन्हें ठगा।
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पुलिस ने बताया कि फरार रहते हुए उसने अपने परिवार से भी संपर्क पूरी तरह तोड़ लिया था ताकि पकड़ में न आ सके। उसके दो बेटे हैं, जबकि उसकी पत्नी कुछ साल पहले चल बसी हैं। डीसीपी ने बताया, “उसके खिलाफ शकरपुर थाने और क्राइम ब्रांच में धोखाधड़ी और जालसाजी के तीन मामले दर्ज हैं।”

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