क्यों लिया गया यह फैसला?
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के अनुसार, दिल्ली में 28% PM 2.5 और 41% SO2 प्रदूषण के लिए पुराने वाहन जिम्मेदार हैं। BS-4 इंजन वाली गाड़ियां BS-6 की तुलना में साढ़े पांच गुना अधिक प्रदूषण फैलाती हैं। दिल्ली में करीब 62 लाख वाहन, जिनमें 41 लाख दोपहिया शामिल हैं, ‘एंड ऑफ लाइफ’ (EOL) श्रेणी में आते हैं। इन वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए यह कदम उठाया गया है।कैसे होगी कार्रवाई?
> दिल्ली के 498 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। > इन वाहनों को ईंधन देने पर पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।NCR में भी लागू होगा नियम
यह नियम केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा। 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत में भी लागू होगा। बाकी NCR जिलों में 1 अप्रैल 2026 से यह व्यवस्था शुरू होगी।ये कर सकते हैं वाहन मालिक
> पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर्स से संपर्क करना होगा।> दिल्ली-NCR से बाहर के जिलों में वाहन चलाने के लिए परिवहन विभाग से NOC लेनी होगी।
> पंजाब जैसे राज्यों में स्क्रैपिंग सेंटर्स और कलेक्शन सेंटर्स की सुविधा शुरू की गई है, जिससे वाहन मालिकों को राहत मिलेगी।