महारेरा ने कहा कि ग्राहक ने 18 नवंबर को बुकिंग फॉर्म पर हस्ताक्षर किए और 9 दिन के अंदर 27 नवंबर को बिल्डर को सूचित किया कि उसका लोन ऐप्लिकेशन रिजेक्ट कर दिया गया है, इसलिए उसे बुकिंग अमाउंट 15 जुलाई, 2025 तक रिफंड किया जाए। अन्यथा उक्त राशि की वसूली होने तक बिल्डर को ब्याज भी देना होगा, लेकिन बिल्डर ने नियमों का हवाला देकर ग्राहक को रिफंड करने से साफ मना कर दिया, जिसके बाद हताश ग्राहक ने महारेरा (महाराष्ट्र रेरा) का रुख किया। बिल्डर ने बताया कि बुकिंग फॉर्म की शर्तों के खंड 1.4 और 3.5 के अनुसार, जिस पर घर खरीदार ने हस्ताक्षर किए थे, ऐसी परिस्थितियों के लिए कोई रिफंड जारी नहीं की जा सकती।
क्या है मामला
मुंबई के एक ग्राहक ने लोढ़ा डेवलपर्स की एक सोसाइटी में 7 लाख रुपए देकर 2.27 करोड़ रुपए का घर बुक किया था। लोढ़ा के सेल्स मैनेजर ने ग्राहक को मौखिक आश्वासन दिया कि अगर बैंक से लोन पास नहीं होता है तो उसे बुकिंग का सारा पैसा रिफंड कर दिया जाएगा। लेकिन, बाद में बिल्डर अपने बयान से पलट गया।
बैंक ने ग्राहक का होम लोन ऐप्लिकेशन रिजेक्ट कर दिया था, जिसके बाद ग्राहक ने बिल्डर से बुकिंग अमाउंट वापस करने की अपील की। लेकिन बिल्डर ने नियमों का हवाला देकर ग्राहक को रिफंड करने से साफ मना कर दिया, जिसके बाद हताश ग्राहक ने महारेरा (महाराष्ट्र रेरा) का रुख किया।