‘हम छिपकर बंकर में रह रहे हैं’
13 जून को जब इजरायल-ईरान के बीच जंग तेज हुई तो सैफुल्लाह ने परिवार को फोन किया। उसने कहा कि हम लोग बंकर में छिपकर रह रहे हैं, यहां कि स्थिति काफी खराब है। सैफुल्लाह के छोटे भाई ने कहा कि 17 जून को हमारी बात हुई थी। इसके बाद उसने भाभी से बात की। उसके बाद मोबाइल बंद हो गया है, वॉट्सऐप भी लास्ट सीन 17 जून रात को बता रहा है। परिजनों ने लगाई गुहार
सैफुल्लाह से संपर्क टूटने के बाद परिजनों ने बेगूसराय के DM , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और ईरान स्थित भारतीय दूतावास को आवेदन भेज कर गुहार लगाई है। परिजनों ने कहा कि सैफुल्लाह पेट्रोसाज जनरल कांट्रैक्टर कंपनी के तहत मैकेनिकल इंजीनियरिंग का काम करता है। वह विदेशों में भी जाकर शटडाउन हो चुके प्लांट को ठीक करके चालू करता था।
परिजनों ने कहा कि इसी सिलसिले में सैफुल्लाह 10 दिन पहले 20 मार्च को साऊदी अरब भी गया था। काम खत्म होने के बाद 12 जून को वह ईरान के अराक आ गया। अब उसका कोई अता-पता नहीं है। उसके भाई ने कहा कि कंपनी ने सैफुल्लाह के साथ करीब 40 अन्य लोगों को भी ईरान भेजा गया था।
827 भारतीय स्वदेश पहुंचे
इजराइल और ईरान में चल रही जंग के बीच भारत की सरकार ने हाल ही में ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की है, जिसके तहत ईरान में फंसे भारतीयों मुख्यतः छात्रों, प्रोफेशनल्स और श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने का काम चल रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से अब तक 827 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है।