विपक्ष ने चुनाव आयोग से तीन सवाल पूछे
वीडियो में एक शख्स कहता है कि बिहार में SIR फैसला कितना बेसरपैर का है। इसकी पोलपट्टी खुल गई है। एक RTI में चुनाव आयोग से SIR से जुड़े सवाल पूछे गए। चुनाव आयोग के जवाब सुनकर आपके भी तोते उड़ जाएंगे। पहला सवाल : बिहार SIR निर्णय को चुनाव आयोग ने कैसे मंजूरी दी? इसके पीछे क्या प्रक्रिया थी?
चुनाव आयोग का जवाब: कुछ तो होगा हमें नहीं पता। क्योंकि इसकी कोई फाइल मौजूद नहीं है। दूसरा सवाल : SIR करवाने के लिए आपने न्यायलय को किसी स्वतंत्र मूल्यांकन का हवाला दिया था? वो दिखा दीजिए।
चुनाव आयोग का जवाब : हमारे पास नहीं है। हमारे पास उसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। तीसरा सवाल : चलिए बिहार में 2003 वाले पुनरीक्षण के आदेश की कॉपी ही दे दीजिए।
चुनाव आयोग का जवाब : वह तो नहीं है, यह तो मस्त 2025 वाला आदेश आखिर चल क्या रहा है?
क्या गड़बड़ी है जो छिपा रहे हो?
न किसी तरह की पारदर्शिता न कोई जिम्मेदारी। पहले तो भारी बयानबाजी हो रही थी। फिर वहीं जानकारी आरटीआई में देने में क्या दिक्कत है। और अगर सच में कोई मूल्यांकन कोइ स्टडी, कोई रिकॉर्ड नहीं है तो यह निर्णय किस आधार पर लिया गया। क्या गड़बड़ी है जो छिपा रहे हो?