तेजस्वी यादव के बचाव में उतरे पप्पू यादव
आमतौर पर तेजस्वी के कटु आलोचक रहे पप्पू यादव ने इस बार उनका बचाव करते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। पप्पू यादव ने कहा, “चुनाव आयोग क्या है? क्या यह किसी राजनीतिक दल का प्रवक्ता बन गया है? ऐसा लगता है कि यह बीजेपी के निर्देशों पर काम करता है। पहले आयोग यह बताए कि कितने लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।”
चुनाव यादव पर उठाए सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग चुनिंदा रूप से विपक्षी नेताओं को निशाना बनाता है और इसके कार्य “बीजेपी के स्क्रिप्ट” का पालन करने जैसे हैं। उन्होंने तेजस्वी के खिलाफ नोटिस को राजनीति से प्रेरित बताया। पप्पू यादव ने कहा, “क्या चुनाव आयोग कोई अलादीन का चिराग है कि जो यह कहे, वही सच हो जाए? लोकतंत्र इस तरह काम नहीं करता।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ऐसी नोटिसें कभी-कभी मासूम गलतियों के कारण हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “कभी-कभी इंसान की जुबान फिसल जाती है, इसका मतलब यह नहीं कि उसे अपराधी बना दिया जाए।”
हम बन रहे गरीबों की आवाज
पप्पू यादव ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ का समर्थन करने की घोषणा की, जो बिहार से शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा, “हम गरीबों की आवाज बनकर सड़कों पर उतर रहे हैं। मैं यात्रा के दौरान कई स्थानों पर राहुल गांधी के साथ मौजूद रहूंगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन केवल चुनावों के बारे में नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और गरीबों के मताधिकार को सुनिश्चित करने के लिए है।
भाजपा पर साधा निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 8 अगस्त को सीतामढ़ी में सीता मइया मंदिर के शिलान्यास समारोह के लिए प्रस्तावित यात्रा पर सवाल उठाते हुए पप्पू यादव ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह सीता मइया की यात्रा नहीं, बल्कि चुनावी यात्रा है। ये लोग केवल चुनाव के समय धर्म को याद करते हैं और बाद में भूल जाते हैं।”
वोट के लिए धर्म का इस्तेमाल
उन्होंने बीजेपी पर धर्म का इस्तेमाल वोट के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा, “ये न तो सनातन धर्म के सच्चे अनुयायी हैं और न ही सीता मइया की संस्कृति का सम्मान करते हैं। यह सब वोट के लिए है।”