तेजस्वी यादव के आरोप
तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा कि संविधान 18 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी एसआईआर के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसकी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और निष्पक्षता का अभाव है। उन्होंने कहा, “हम एसआईआर की प्रक्रिया का विरोध करते हैं। चुनाव आयोग को ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए था, जो नहीं हो रहा।”
‘बाहरी वोटर’ पर सवाल
तेजस्वी ने ‘बाहरी वोटर’ के मुद्दे पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने दावा किया कि कुछ बाहरी लोग मतदाता सूची में शामिल हैं, लेकिन यह जानकारी उन्हें ‘सूत्रों’ से मिली। यह शर्मनाक है कि एसआईआर ड्राइव चल रहा है, फिर भी आयोग ने इस पर खुलकर जवाब नहीं दिया।”
780 पेज का हलफनामा दाखिल
उन्होंने आगे दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में चुनाव आयोग ने 780 पेज का हलफनामा दाखिल किया, जिसमें ‘बाहरी वोटर’ का कोई जिक्र नहीं है। तेजस्वी ने यह भी कहा, “भाजपा के 52,986 पंजीकृत बीएलए (बूथ लेवल एजेंट्स) ने विदेशी नागरिकों के मामले को आयोग के सामने नहीं उठाया।”
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का पलटवार
तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, “आप बिहार की जनता को भ्रमित कर रहे हैं। सूत्रों के आधार पर अनर्गल बातें कहकर आप बिहार को लज्जित कर रहे हैं। जनता को गुमराह करने का खेल बंद करें।”
नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया। उन्होंने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा, “जब आप छोटे थे, तब आपके पिता लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे। आपकी मां राबड़ी देवी भी मुख्यमंत्री रहीं। उस समय बिहार की क्या स्थिति थी?” नीतीश ने अपनी सरकार के कामकाज का उल्लेख करते हुए कहा, “हमने महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया और उनके लिए कई काम किए। आपकी पार्टी (RJD) ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। हमने ही उनके लिए काम किया है।”