पोस्टमार्टम रिपोर्ट के खुलासे
भिवानी के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया कि सुनारिया लैब से प्राप्त मेडिकल जांच रिपोर्ट के अनुसार, मनीषा की बिसरा (विसरा) जांच में कीटनाशक के अंश पाए गए हैं। इसके अलावा, चार मुख्य बिंदु सामने आए हैं- कोई रेप नहीं: मनीषा के शरीर पर सीमन (Semen) के कोई निशान नहीं मिले, जिससे दुष्कर्म की संभावना पूरी तरह खारिज हो गई है। एसिड या केमिकल नहीं: मनीषा के चेहरे पर किसी प्रकार के तेजाब या केमिकल का उपयोग नहीं हुआ, जैसा कि पहले संदेह जताया जा रहा था।
शारीरिक अंगों का गायब होना: मनीषा की दोनों आंखें, भोजन नली और कुछ अन्य अंग गायब थे। डॉक्टरों का मानना है कि यह जंगली जानवरों द्वारा शव को नोचने के कारण हुआ, क्योंकि शव कई दिनों तक खेतों में पड़ा था और सड़न की स्थिति में था।
सुसाइड नोट की पुष्टि: मनीषा के पास मिले सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग भी मनीषा की लिखावट से मिलान की गई है, जिससे आत्महत्या की संभावना को बल
मिलता है।
शव की स्थिति देख हुआ संदेह
मनीषा की मौत के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों ने गैंग रेप और क्रूर हत्या का आरोप लगाया था। शव की स्थिति और कपड़ों की हालत को देखकर यह संदेह गहरा गया था। परिजनों और ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की थी। सोशल मीडिया पर भी इस मामले ने तूल पकड़ा, जहां कई लोगों ने इसे क्रूर अपराध करार दिया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इन सभी अटकलों को खारिज कर दिया है।
मामले की जांच जारी
पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने स्पष्ट किया कि मनीषा की मौत आत्महत्या प्रतीत होती है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। कुछ सवाल अब भी अनुत्तरित हैं, जैसे कि शव के साथ जंगली जानवरों ने छेड़छाड़ की या कोई अन्य कारण था। पुलिस ने स्थानीय लोगों और मनीषा के परिचितों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि इस मामले की तह तक जाया जा सके।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल
रिपोर्ट का खुलासा होते ही कई लोग पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं और पूर्ण पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस मामले में अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या हो सकती है, जबकि अन्य लोग पुलिस की जांच पर भरोसा जता रहे हैं।