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Bengaluru Stampede: कर्नाटक सरकार का बड़ा एक्शन, पुलिस कमिश्नर निलंबित, जश्न के आयोजकों की गिरफ्तारी के आदेश

मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीआइडी से भी कराने की घोषणा की। आरसीबी, इवेंट कंपनी डीएनए और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया गया है।

भारतJun 06, 2025 / 07:50 am

Siddharth Rai

Bengaluru Stampede (Photo- IANS)

Bengaluru Stampede: सरकार ने अधिकारियों को निलंबित किया गया (Photo- IANS)

RCB Victory parade, Bengaluru Stampede: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु (आरसीबी) के आइपीएल जीतने के जश्न के दौरान मची भगदड़ के मामले में गुरुवार को कड़े कदम उठाते हुए पुलिस कमिश्नर सहित कई शीर्ष अधिकारियों को निलंबित कर दिया। सिद्धारमैया ने एक सदस्यीय जांच आयोग के गठन की भी घोषणा की और कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश माइकल कुन्हा इस घटना की जांच करेंगे और 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे।

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मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीआइडी से भी कराने की घोषणा की। आरसीबी, इवेंट कंपनी डीएनए और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया गया है। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर, स्टेशन हाउस ऑफिसर, क्षेत्राधिकार एसीपी, सेंट्रल डीसीपी और चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी एसीपी शामिल हैं।

आरसीबी, केएससीए पर एफआइआर

पुलिस ने आरसीबी, एक निजी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और केएससीए की प्रशासनिक प्रबंधन समिति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इससे पहले पुलिस ने अप्राकृतिक मौतों (यूडीआर) का मामला दर्ज किया था। इसे लेकर सवाल उठ रहे थे।
आरसीबी ने की मुआवजे की घोषणाः आरसीबी ने गुरुवार को 11 मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। फ्रेंचाइजी ने भगदड़ में घायल हुए प्रशंसकों की सहायता के लिए आरसीबी केयर्स नामक राहत पहल भी शुरू की।
इससे पहले, कर्नाटक हाई कोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 10 जून तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न के दौरान 2.5 लाख से अधिक लोग जमा हो गए थे जिनके प्रबंधन में खामियां रही। सरकार ने माना कि राज्य सरकार के पास भीड़ प्रबंधन की कोई एसओपी नहीं है।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायाधीश सीएम जोशी की खंडपीठ ने सरकार को इस त्रासदी के कारण का पता लगाने और भविष्य में इसे रोकने के तरीके बताने के लिए कहा है। सरकार ने पीठ को बताया कि लगभग 1,600 पुलिस कर्मियों को तैनात किया था, जो किसी भी क्रिकेट मैच के दौरान स्टेडियम में और उसके आसपास तैनात पुलिस कर्मियों की संख्या से दोगुना है। स्टेडियम की क्षमता केवल 34,600 लोगों को समायोजित करने की है। अदालत ने मामले की सुनवाई 10 जून तक स्थगित कर दी।

सरकार को देने होंगे कई सवालों के जवाब

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य को यह स्पष्ट करना होगा कि आरसीबी खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसने लिया है? उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने का क्या दायित्व है जो देश के लिए नहीं खेल रहे हैं? जनता को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा उपाय क्या हैं? इतनी भीड़ के बावजूद स्टेडियम के केवल तीन गेटों को ही क्यों खोला गया?

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