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भाजपा के नए अध्यक्ष का जल्द ऐलान संभव, बिहार और बंगाल है बड़ी चुनौती, गुजरात और असम में भी किले को बचाए रखना होगा

नए भाजपा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी ने लगभग सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। संभावना है कि संसद के मानसून सत्र से पहले पार्टी नए अध्यक्ष का चुनाव कर लेगी। नए अध्यक्ष के सामने बिहार और बंगाल जीतने की बड़ी चुनौती होगी, तो वहीं गुजरात और असम के किले को बचाए रखना होगा।

नई दिल्लीJul 03, 2025 / 01:55 pm

Pushpankar Piyush

BJP President (Photo: Patrika)

BJP President (Photo: Patrika)

भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) का चुनाव जल्द हो सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र (Monsoon Session) से पहले भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी ने लगभग सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि बीजेपी में जब किसी अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद इतने लंबे समय तक नया अध्यक्ष नहीं चुना गया है।

नए बीजेपी अध्यक्ष की राह कठिन है

बीजेपी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। ऐसे में नए बीजेपी अध्यक्ष के लिए राह आसान नहीं है। पार्टी के नए अध्यक्ष के सामने 12 अहम चुनाव हैं। साल 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव। 2026 में, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम। 2027 में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी।

जून 2024 को खत्म हो चुका है नड्डा का कार्यकाल

भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल जून 2024 में खत्म हो चुका है। वह एक्सटेंशन पर हैं। नड्डा भाजपा अध्यक्ष होने के साथ-साथ मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। एक व्यक्ति एक पद के कारण भाजपा जल्द नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में जुटी है।
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ये नाम है रेस में आगे

शिवराज सिंह चौहान: भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है। शिवराज मोदी सरकार में कृषि मंत्री हैं। वह चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। शिवराज का पार्टी संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह OBC कैटेगरी से आते हैं। RSS के साथ भी शिवराज के अच्छे संबंध हैं।
सुनील बंसल: सुनील बंसल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी और 2017 विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने इन दोनों चुनावों में बीजेपी को कामयाबी दिलाई। ओडिशा, तेलंगाना और बंगाल में पार्टी की कामयाबी का सहरा इनके सिर बंधा। उनकी भी RSS के साथ अच्छी नजदीकी मानी जाती है।
धर्मेंद्र पधान: धर्मेंद्र प्रधान वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री है। वह ओडिशा से आते हैं। जहां बीजेपी ने पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के भरोसेमंद माने जाते हैं। प्रधान OBC समुदाय से आते हैं। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि ABVP से जुड़ी है।
मनोहर लाल खट्टर: मनोहर लाल खट्टर मोदी कैबिनेट में शहरी कार्य मंत्री हैं। वह दो बार हरियाणा के सीएम रह चुके हैं। उनकी सांगठनिक पकड़ मजबूत मानी जाती है। पीएम मोदी और संघ से भी खट्टर के संबंध काफी अच्छे हैं। ऐसे में वह भी नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।
इनके चारों नामों के अलावे तमिलनाडु से आने वाली वानति श्रीनिवासन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम व TDP संस्थापक एन.टी. रामाराव (NTR) की बेटी डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। तीनों महिलाएं दक्षिण से आती हैं। पार्टी दक्षिण में अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं।
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कौन बन सकता है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष

बीजेपी के संविधान के मुताबिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकता है, जो कम से कम 15 वर्षों तक पार्टी का सदस्य रहा हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचक मडंल करता है। जिसमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और प्रदेशों के सदस्य शामिल हैं। निर्वाचक मंडल में से कोई बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले जिला संगठनों के चुनाव, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय परिषद के चुनाव होते हैं। संगठनात्मक दृष्टि से बीजेपी ने भारत को 36 राज्यों में बांट रखा है। आधे से ज्यााद राज्यों के संगठन के चुनाव हो जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है।

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