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Adani Group की बढ़ी मुश्किलें! क्यों गिर रहे हैं शेयर्स के भाव? जानिए

Adani Group Stocks: वित्तीय वर्ष 2025 में समूह की कुल मार्केट कैपिटल में लगभग 21% की कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप 3.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

भारतJun 15, 2025 / 12:13 pm

Devika Chatraj

अडानी ग्रुप शेयर में गिरावट (ANI)

Adani Group Share: अडानी ग्रुप, भारत के सबसे बड़े कॉरपोरेट समूहों में से एक, हाल के दिनों में अपने शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट का सामना कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 में समूह की कुल मार्केट कैपिटल में लगभग 21% की कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप 3.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस गिरावट ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। आइए जानते हैं कि अडानी ग्रुप के शेयरों में इस गिरावट के पीछे के प्रमुख कारण क्या हैं और इसका क्या प्रभाव हो सकता है।

शेयरों में गिरावट के प्रमुख कारण

अमेरिकी जांच और रिश्वत के आरोप
हाल ही में, अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) और अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दावा किया गया है कि समूह ने 2020 से 2024 के बीच भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, जिसके जरिए 2 अरब डॉलर के सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए गए। इसके अलावा, अडानी ग्रीन एनर्जी पर अमेरिकी निवेशकों से जानकारी छिपाने का भी आरोप है, जो अमेरिकी सिक्योरिटीज एक्ट का उल्लंघन माना जा रहा है। इन आरोपों के बाद 3 जून 2025 को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 2.63% और अडानी पोर्ट्स में 2.72% की गिरावट दर्ज की गई।
ईरान से LPG आयात की खबरें
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप ने मुंद्रा पोर्ट के जरिए ईरान से लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG) का आयात किया, जो संभावित रूप से अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है। हालांकि, अडानी एंटरप्राइजेज ने इन आरोपों को “निराधार और दुर्भावनापूर्ण” बताकर खारिज किया है, लेकिन इस खबर ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया है।
वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव
हाल के ईरान-इजरायल तनाव ने भी अडानी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ाई हैं। समूह ने इजरायल के हैफा पोर्ट में भारी निवेश किया है, जो अब युद्ध क्षेत्र बन गया है। इस भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण 13 जून 2025 को अडानी ग्रुप के शेयरों में 3% की गिरावट देखी गई।
केन्या में कॉन्ट्रैक्ट रद्द
केन्या सरकार ने हाल ही में अडानी ग्रुप के साथ एक प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया, जिसका उद्देश्य अफ्रीका में समूह की पहुंच बढ़ाना था। इस घटना ने निवेशकों के बीच चिंता को और बढ़ा दिया, जिससे शेयरों पर दबाव बढ़ा।
हिंडनबर्ग की पुरानी और नई रिपोर्ट्स
हिंडनबर्ग रिसर्च की 2023 की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को “कॉरपोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी” का आरोप लगाकर हिला दिया था। इस साल फिर से हिंडनबर्ग ने समूह से जुड़े ऑफशोर फंड्स और कथित अनियमितताओं के नए सबूत पेश किए, जिसने निवेशकों के बीच अविश्वास को और गहरा किया।
मैक्रोइकनॉमिक दबाव और बाजार की चुनौतियां
भारतीय शेयर बाजार को FY25 में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें मैक्रोइकनॉमिक दबाव, शहरी खर्च में कमी, और वैश्विक राजनीतिक तनाव (विशेष रूप से ट्रम्प टैरिफ) शामिल हैं। इन कारकों ने अडानी ग्रुप सहित कई भारतीय कंपनियों के शेयरों को प्रभावित किया है।

प्रभावित कंपनियां और उनकी स्थिति

अडानी ग्रीन एनर्जी: इस साल मार्केट कैप में करीब 50% की गिरावट, जो समूह की कंपनियों में सबसे अधिक है। 21 मई 2025 को इसके शेयर 2.97% गिरकर 984.05 रुपये पर बंद हुए।
अडानी पोर्ट्स: 13 जून 2025 को शेयर 1% से अधिक गिरकर 1,456 रुपये पर बंद हुए, हालांकि इस साल अब तक 18% का रिटर्न दिया है।

अंबुजा सीमेंट्स और ACC लिमिटेड: इन सीमेंट कंपनियों के शेयरों में क्रमशः 15.9% और 23.1% की गिरावट दर्ज की गई।
अडानी पावर: हालांकि 10 जून 2025 को इसके शेयरों में 8% की तेजी देखी गई, लेकिन यह अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 810.55 रुपये से 40% नीचे है।

कुछ सकारात्मक घटनाक्रम

मई 2025 में अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन, और अडानी पावर में म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। उदाहरण के लिए, अडानी पोर्ट्स में 28 म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सेदारी 2.17% से बढ़ाकर 2.57% की।
डिविडेंड घोषणाएं: अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, और ACC लिमिटेड ने FY25 के लिए डिविडेंड की घोषणा की है, जो निवेशकों के लिए कुछ राहत की बात है।

नए प्रोजेक्ट्स: अडानी पावर को उत्तर प्रदेश में 1,500 मेगावाट के थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए पत्र मिला है, और अडानी एंटरप्राइजेज दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर स्मेल्टर शुरू करने की तैयारी में है।

निवेशकों के लिए सलाह

विश्लेषकों का मानना है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में मौजूदा गिरावट कुछ समय के लिए अस्थिरता पैदा कर सकती है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, अडानी पावर जैसे शेयरों में 610 रुपये के स्तर को तोड़ने पर तेजी देखी जा सकती है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें, क्योंकि भू-राजनीतिक जोखिम और नियामक जांच अभी भी अनिश्चितता का कारण बने हुए हैं।
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