टैरिफ की घोषणा के बाद से विपक्ष हुआ हमलावार
ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से ही देश की राजनीती में घमासान मच गया है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही एक्स पर पोस्ट शेयर कर सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लिखा था, डोनाल्ड ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है। यह भारत को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का एक प्रयास है। सरकार को अपनी कमजोरी को भारतीय जनता के हितों पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, हम ट्रंप के सामने नहीं झुकेंगे
हालांकि भाजाप और पीएम मोदी ने इस घोषणा के बाद यह साफ कर दिया है कि वह ट्रंप के सामने झुंकेंगे नहीं और अपने देश के किसानों के हित से कोई समझौता नहीं करेंगे। पीएम मोदी ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि, अब से अमेरिकी कृषि उत्पादों को भारत में जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, किसानों का हित भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। पीएम ने आगे कहा, मुझे किसानों के हितों की रक्षा के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी तो मैं इसके लिए तैयार हूं।
मीटिंग में लिया जा सकता है बड़ा फैसला
पीएम के इस बयान के बाद अब पार्टी आलाकमान की मीटिंग बुलाई गई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इस मीटिंग के दौरान सरकार अमेरिकी टैरिफ से निपटने की आगे की रणनीति तय कर सकती और भारत – अमेरिका व्यापार को लेकर बड़े फैसले लिए जा सकते है। यह भी संभव है कि भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ दर को बढ़ा दे। अब तक हमने अमेरिकी उत्पादों पर औसत 17 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। ऐसे में यदि अमेरिका पीछे नहीं हटता है और टैरिफ दरों को कम नहीं करता है तो यह संभव है कि भारत भी उस पर लगाई गई टैरिफ दर को बढ़ा सकता है। उम्मीद है कि इस मीटिंग के दौरान टैरिफ से जुड़े इन सभी मुद्दों पर फैसला लेगी।