मुख्य रूप से ये पद रिक्त जिले के चिकित्सा विभाग में संस्थापन अधिकारी का एक पद स्वीकृत है और रिक्त है। इसी प्रकार अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 6 में से 4, सहायक प्रशासनिक के 11 में से 6, थानेदार-पीसीपीएनडीटी, कनिष्ठ विधि सहायक, फिजियोथैरेपिस्ट व उप नियंत्रक के एक-एक स्वीकृत हैं, और तीनों के ही रिक्त हैं। डिप्टी ईपीओ के दोनों व स्वास्थ्य निरीक्षक के तीनों पद खाली हैं। तकनीकी सहायक के 13 में से 11 व कनिष्ठ सहायक के 42 में से 24 पद रिक्त हैं।
इन पदों की स्थिति ज्यादा खराब विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले में वरिष्ठ रेडियोग्राफर के चारों के चारों पद खाली हैं। इसी प्रकार एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में नर्सिंग ट्यूटर के दो में से एक, नर्सिंग अधीक्षक- द्वितीय, वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक व वार्डन कम नर्सिंग ट्यूटर के एक-एक पद स्वीकृत हैं और सभी खाली हैं। जिले में महिला स्वास्थ्य दर्शिका के 86 पद हैं, जिनमें से 77 रिक्त हैं। ब्लॉक हैल्थ सुपरवाइजर मेल के 3 में से 3, ब्लॉक हैल्थ सुपरवाइजर के 5 में से 5 तथा क्लीनिकल अभिलेख सहायक के 20 पद स्वीकृत हैं और सभी रिक्त हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष के 33 में से 24 तो वार्ड बॉय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 278 पद में से 209 रिक्त हैं। स्वीपर के 66 में से 45 खाली हैं। इसी प्रकार और भी कई पद हैं, जिनके रिक्त होने से चिकित्सा विभाग की योजनाओं को जिले में सुचारू रूप से लागू करने में परेशानी आती है।
सीएमएचओ को रिक्त पदों की जानकारी नहीं जिले के चिकित्सा विभाग में रिक्त अराजपत्रित पदों को लेकर सीएमएचओ डॉ. जुगलकिशोर सैनी से बात की तो उन्होंने बताया कि सभी पद भरे हुए हैं। आपके पास गलत रिपोर्ट है। जब उनसे कहा कि दिशा कमेटी की बैठक में आपके विभाग की ओर से जो रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें कई पद रिक्त बताए गए हैं। इस पर सीएमएचओ सैनी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, वे बैठक में गए ही नहीं।
रिपोर्ट सही है, पद खाली दिशा की कमेटी में चिकित्सा विभाग में अराजपत्रित पदों को लेकर दी गई जानकारी सही है। अब जो पद रिक्त हैं, वो रिक्त ही रहेंगे, उन्हें छुपाया नहीं जा सकता। कुछ पद ऐसे भी हैं, जिनको लम्बे समय से भरा नहीं जा रहा है।
– डॉ. राजेश पारासर, प्रभारी, जिला औषधि भंडार, नागौर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के सुझाव -रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरना : चिकित्सा कर्मियों और अधिकारियों की भर्ती को विशेष अभियान चलाएं
-स्थानीय भर्ती को बढ़ावा : ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्थानीय योग्य युवाओं को प्राथमिकता दी जाए। -बुनियादी ढांचे का विस्तार :प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मजबूत किया जाए। -नियमित प्रशिक्षण : डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ को आधुनिक तकनीकों और सेवा भाव पर प्रशिक्षण दिया जाए।
-कार्यस्थल पर सम्मान और सुरक्षा : स्टाफ के लिए सुरक्षित और सहयोगी कार्य वातावरण सुनिश्चित हो। -ऑनलाइन ट्रैकिंग : स्टाफ की उपस्थिति और कार्य निष्पादन की निगरानी के लिए डिजिटल सिस्टम लागू करें
-आमजन की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई : शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया जाए। -स्वास्थ्य शिक्षा : लोगों को साफ-सफाई, पोषण और प्राथमिक इलाज के बारे में जागरूक किया जाए। -डेटा आधारित योजना : वास्तविक आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनें, ना कि कागजी रिपोर्टों पर।