नागौर. जीत होने पर बोथरा सहित भाजपा पदाधिकारियों का नगर परिषद में स्वागत ।
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अविश्वास प्रस्ताव गिरा, इस्तीफा देकर बोर्ड भंग कराने का प्रयास
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कोरम के अभाव में प्राधिकृत अधिकारी ने अविश्वास प्रस्ताव को ‘खोया’ हुआ घोषित किया नागौर. नगर परिषद सभापति मीतू बोथरा की कार्यशैली से नाराज चल रहे पार्षद शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाई गई बैठक में भाग लेने नहीं पहुंचे। बैठक में केवल सभापति मीतू बोथरा व पार्षद नवरतनमल बोथरा ही सदस्य के रूप में उपस्थित हुए। इसके चलते जिला कलक्टर की ओर से नियुक्त प्राधिकृत अधिकारी एसडीएम गोविन्दसिंह भींचर ने निर्धारित समय तक पार्षदों का इंतजार करने के बाद 11 बजे अविश्वास प्रस्ताव ‘खोया’ (लोस्ट) हुआ घोषित कर दिया।
4/10
18 दिन पहले जिन 45 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित को पत्र सौंपा था, उनमें से एक भी पार्षद बैठक में नहीं पहुंचने से अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हुआ।
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सभापति बोथरा व भाजपाइयों ने अपनी जीत का जश्न मनाते हुए पहले सभापति के कक्ष में सभापति व भाजपा जिलाध्यक्ष रामधन पोटलिया का माल्यार्पण कर स्वागत किया, इसके बाद परिषद के मुय द्वार पर पटाखे छोड़कर जश्न मनाया। आतिशबाजी के बाद सभापति व भाजपाइयों ने भाजपा कार्यालय तक विजय जुलूस निकाला। इस दौरान जिला संगठन प्रभारी पुखराज पहाडिया, पूर्व विधायक मोहनराम चौधरी, शिवकुमार राव, रमेश अपूर्वा, महावीरसिंह सांदू, बजरंगलाल शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसबीच भाजपा कार्यालय पहुंचे यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने पुखराज पहाड़िया को फोन कर सभापति बोथरा सहित सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को बधाई दी तथा विरोध करने वाले पार्षदों को चेताया।
6/10
कांग्रेस को बदनाम कर रहे भाजपा के नेता अपनी तारीफ खुद ही कर रहे हैं। झूठी खुशी मना रहे हैं, समझ से परे है। शहर का विकास नहीं होने और भाजपा के पार्षदों की सुनवाई नहीं होने के कारण भाजपा के पार्षद ही अविश्वास प्रस्ताव लाए और कांग्रेस को झूठा बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं ।कांग्रेस का इसमें कोई रोल नहीं रहा। आज शहर की सड़कों , पानी , सफाई की हालत बदतर हो रखी है। यह पूरा शहर जानता है। भाजपा के कार्यकर्ता व पार्षद खुद का अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने की खुशी स्वयं ही मना रहे हैं। अब्दुल हमीद गौरी, ब्लॉक अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी, नागौर।
7/10
कुछ पार्षद नहीं चाहते कॉलोनी कटे कुछ पार्षदों ने विकास कार्य को नजरअंदाज़ कर और आगामी दिनों के विकास कार्य को रोकने की नीयत, आमजन को अहिछत्रपुर कॉलोनी की लॉटरी प्रकिया से वंचित रखने और अपने निजी हित को ध्यान में रखते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाए, जो गिरना तय था और गिरा। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद नहीं चाहते हैं कि अहिछत्रपुर कॉलोनी कटे और परिषद को प्राप्त आय से नागौर का विकास हो। जिन पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, वो आज मीटिंग में गायब क्यों हो गए? आमजन को जबाब दें। साथ ही उन अधिकारी और कर्मचारियों को समझ जाना चाहिए, जिन्होंने नौकरी की बजाय राजनीति में ज्यादा रुचि ली है। मीतू बोथरा, सभापति, नगर परिषद, नागौर।
8/10
सामूहिक इस्तीफे देने का निर्णयअविश्वास प्रस्ताव में भाजपा पार्षदों का साथ नहीं मिलने के कारण विरोधी खेमे को सभापति बोथरा को पद से हटाने में कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद विरोधी खेमे के पार्षदों ने बैठक कर सामूहिक रूप से इस्तीफे देने का निर्णय लिया। इसके तहत 24 पार्षद नगर परिषद पहुंचे तथा कार्यकारी आयुक्त गोविन्दसिंह भींचर को इस्तीफे देने चाहे, लेकिन उन्होंने कहा कि पार्षदों के इस्तीफे केवल सभापति ले सकता है। इसके बाद भींचर ने सभापति को फोन कर सूचना दी, लेकिन उन्होंने पार्टी कार्यक्रमों के चलते सोमवार को आने की बात कही। पार्षदों ने जिला कलक्टर को इस्तीफे देने चाहे, लेकिन कलक्टर ने भी मना कर दिया। इसके बाद 24 पार्षदों ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट के तौर पर एसडीएम भींचर से इस्तीफे अनुप्रमाणित करवाए। इस दौरान एक पार्षद मौके से भाग गया। नाराज पार्षद अब सोमवार का इंतजार कर रहे हैं।
9/10
...तो क्या बोर्ड भंग हो पाएगा राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के अनुसार यदि किसी भी कारण से किसी नगर पालिका में रिक्तियों की संया स्थानों की कुल संया के दो-तिहाई से अधिक हो तो नगरपालिका को उस पर इस अधिनियम के माध्यम से या अधीन अधिरोपित कर्तव्यों का पालन करने के लिए सक्षम नहीं समझा जाएगा। राज्य सरकार किसी नगरपालिका को विघटित करेगी, यदि किसी भी समय उसके निर्वाचित सदस्य उसके कुल सदस्यों के दो-तिहाई से कम रह जाए। यानी नागौर नगर परिषद में कुल 60 सदस्य हैं, जिनका दो-तिहाई 40 होता है। 20 से अधिक पार्षदों के इस्तीफा देते ही यह नियम लागू होगा, लेकिन इस्तीफा स्वीकार करने के लिए अध्यक्ष के पास 15 दिन का समय है। 15 दिन में यदि इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है तो स्वत: ही प्रभावी होगा।
10/10
कांग्रेस को बताया मैदान छोड़ने वाला भाजपा जिलाध्यक्ष पोटलिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कांग्रेस के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव का पत्र देने के बाद बैठक में उपस्थित नहीं हुए, जबकि यहां आकर उनको सभापति से विकास के मुद्दों पर बहस करनी चाहिए थी, लेकिन ये मैदान छोड़ गए। कांग्रेस पार्टी को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा के पार्षदों को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी है। हम शहर के विकास के लिए सबको साथ लेकर काम करेंगे। महिला पार्षदों की संया ज्यादा एसडीएम भींचर से इस्तीफे अनुप्रमाणित करवाने वाले पार्षदों में सरोज ओड, सायदा बानो, अफरोज जहां, चंद्रकांता, शिवरी देवी, कैलाशी, अजरूदीन, बसंती, अरिफा बानो, मुजाहिद, ममता भाटी, धर्मेन्द्र पंवार, आसी देवी, भजनसिंह, कैकई, सरीन बानो, पायल गहलोत, शोभा कंवर, सदाकत सुलेमानी, जगदीश, अजीजुदीन, जावेद खान, तोफिक खान व नोशाद शामिल रहे। हालांकि पार्षद धर्मेन्द्र पंवार ने कहा कि इस्तीफा देने वालों की संया और बढ़ेगी।