इस दौरान नागौर से कांग्रेस विधायक हरेंद्र मिर्धा और कई अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। राजस्थान कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इस घटना की जानकारी साझा करते हुए महेंद्र पाल चौधरी का कांग्रेस परिवार में हार्दिक स्वागत किया।
नागौर की राजनीति में हलचल
बता दें, महेंद्र पाल चौधरी का यह कदम नागौर की राजनीति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे मिर्धा परिवार के बीजेपी के नेता रिछपाल मिर्धा के धुर विरोधी रहे हैं। रिछपाल मिर्धा पहले कांग्रेस में थे, 2023 में बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसके बाद से नागौर की जाट राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिली। बताया जा रहा है कि महेंद्र पाल चौधरी का कांग्रेस में शामिल होना न केवल उनके व्यक्तिगत सियासी सफर की नई शुरुआत है, बल्कि यह नागौर में जाट समुदाय के बीच कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में भी एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रह चुके
महेंद्र पाल चौधरी न केवल नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रह चुके हैं, बल्कि क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ और जाट समुदाय में उनके प्रभाव के कारण वे स्थानीय राजनीति में एक अहम चेहरा हैं। उनकी बीजेपी से नाराजगी की चर्चाएं लंबे समय से चल रही थीं और माना जा रहा है कि बीजेपी में जाट नेताओं की उपेक्षा और रिछपाल मिर्धा जैसे नेताओं को बढ़ावा दिए जाने से वे असंतुष्ट थे। इस असंतोष के चलते उन्होंने कांग्रेस में वापसी की।