दहिसर पूर्व में 11 वर्षीय बच्चे की मौत की घटना के साथ शहर में दही हांडी उत्सव के दौरान मरने वालों की संख्या तीन हो गई। दहिसर पूर्व के केतकीपाड़ा इलाके में रविवार रात दही हंडी के प्रैक्टिस के दौरान 11 वर्षीय बाल गोविंदा महेश रमेश जाधव की मौत हो गई। रविवार रात करीब 11 बजे नवतरुण मंडल के सदस्य (गोविंदा) महेश दही हांडी के थर लगाने का अभ्यास कर रहा था। तभी ऊपरी थर पर चढ़ा ही था कि अचानक संतुलन बिगड़ने से जमीन पर गिर पड़ा। गंभीर चोट लगने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
दही हांडी उत्सव में ‘गोविंदा’ कई थर मानव पिरामिड बनाते हैं और हवा में लटकी दही हांडी को तोड़ते हैं। ‘गोविंदा’ का अर्थ उन लोगों से है, जो पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हुई दही और मक्खन से भरी मटकी को फोड़ने की कोशिश करते हैं। सरकार ने घायल गोविदाओं के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है।
अधिकारियों ने बताया कि मृत नाबालिग रोहन मोहन वालवी (14) हांडी फोड़ने वाली टोली में शामिल नहीं था। गांवदेवी गोविंदा पथक का हिस्सा 14 वर्षीय रोहन अंधेरी (पूर्व) के आदर्श नगर इलाके में एक टेम्पो में बैठे हुए अचानक बेहोश हो गया। रोहन को हाल ही में पीलिया हुआ था, जिसकी वजह से उसने दही-हांडी फोड़ने की रस्म में हिस्सा नहीं लिया। लेकिन वह अपनी टोली के साथ सुबह से शहर के विभिन्न हिस्सों में घूम रहा था। उसे पहले निजी अस्पताल और फिर घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दूसरे मृतक, जगमोहन शिवकिरण चौधरी (39) अपने दोस्त के घर की बालकनी में हांडी बांधने के लिए रस्सी कसते समय चक्कर खाकर गिर पड़े और सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने इसे दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है।
एक बीएमसी अधिकारी ने बताया कि जगमोहन चौधरी महाराष्ट्र नगर स्थित घर की पहली मंजिल की खिड़की से रस्सी के सहारे ‘दही हांडी’ बांधने की कोशिश के दौरान नीचे गिर गया। चौधरी को सरकारी शताब्दी गोवंडी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चौधरी हर साल इस उत्सव में हिस्सा लेते थे, लेकिन किसी गोविंदा मंडल का हिस्सा नहीं थे। वह पेशे से बढ़ई थे और अपने पीछे दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। पुलिस ने उनके खून के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।
उधर, 40 वर्षीय अक्षय बंडल जीटी अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं। उन्हें ब्रेन हेमरेज और सिर की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है। वहीं कांदिवली के बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में भर्ती 9 वर्षीय आर्यन यादव को सिर में चोट आई है। डॉक्टरों के मुताबिक आर्यन अब होश में है।
पूर्वी उपनगरों से 17 और पश्चिमी उपनगरों से 10 गोविंदाओं के घायल होने की खबर है। इनमें से अधिकतर का इलाज कर उन्हें छुट्टी दे दी गई। वसई-विरार क्षेत्र में भी पांच गोविंदा घायल हुए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने गोविदाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दही हांडी उत्सव में भाग लेने वाले 1.5 लाख ‘गोविंदाओं’ के लिए विशेष बीमा योजना लागू की है। इसके तहत दही हांडी प्रदर्शन के दौरान मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। बीमा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इस बीमा कवर में छह श्रेणियों की दुर्घटनाएं शामिल हैं। मृत्यु या पूरी तरह स्थायी दिव्यांगता (जैसे दोनों आंखों या दो अंगों का नुकसान) पर 10 लाख रुपये मिलेंगे। एक आंख, एक हाथ या एक पैर खोने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा, जबकि चोट लगने पर एक लाख रुपये तक का चिकित्सा खर्च वहन किया जाएगा।