यवत गांव में भड़की हिंसा में कुछ दुकानें और वाहन आग के हवाले कर दिए गए। इस हिंसा का शिकार हुए स्वप्निल आदिनाथ कदम (Swapnil Adinath Kadam) ने अपनी आपबीती सुनाई। कदम हिंसा प्रभावित इलाके में एक बेकरी चलाते हैं, जिसे उपद्रवियों ने पूरी तरह जला दिया। उनकी आंखों के सामने उनकी मेहनत खाक में मिल गई।
मीडिया से बात करते हुए कदम ने कहा, “मेरी बेकरी में उत्तर प्रदेश से आए कुछ मुस्लिम वर्कर काम करते हैं। सुबह एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर तनाव फैल गया। कहा गया कि किसी मुस्लिम युवक ने पोस्ट की थी। पास में ही एक मस्जिद है, जो मेरी बेकरी से 150-200 मीटर की दूरी पर है। पोस्ट भड़के हुए ग्रामीणों की भीड़ उसी मस्जिद की ओर जा रही थे, तभी किसी ने अफवाह फैलाई कि मेरी बेकरी भी मुस्लिमों की है।”
उन्होंने आगे बताया, “इसके बाद भीड़ ने बेकरी को निशाना बनाया, भड़काऊ पोस्ट करने वाले युवक से न तो मेरा न ही मेरे मुस्लिम कर्मचारियों का कोई संबंध नहीं है। बावजूद इसके भीड़ ने हमला कर दिया। बेकरी पर पत्थर फेंके गए, टीन की छतें उखाड़ दी गईं और कुछ ज्वलनशील पदार्थ अंदर डालकर आग लगा दी गई। हमारी पूरी बेकरी जलकर राख हो गई।”
स्थानीय मस्जिद पर पथराव, तोड़फोड़ की-
कदम ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस युवक ने पोस्ट डाला था वह यवत गांव का ही है, जबकि उनके किसी भी कर्मचारी का उस सोशल मीडिया पोस्ट से कोई संबंध नहीं था, फिर भी अफवाह के चलते उनकी बेकरी को निशाना बनाया गया।
प्रभावित इलाके में पहुंचे डिप्टी CM, कर्फ्यू लागू
बताया जा रहा है कि 26 साल के एक युवक ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किया था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर मामला दर्ज कर लिया है। प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया है और हालात काबू में है, लेकिन स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों में अब भी डर का माहौल है। स्थिति को देखते हुए इंटरनेट बंद कर दिया गया है, पुलिस लगातार गश्त कर रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आशंका जताई की यह हिंसा पूर्व नियोजित और भड़काऊ साजिश का नतीजा हो सकती है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार प्रभावित लोगों से मिलने के लिए यवत पहुंचे है।