बताया जा रहा है कि युवा पुरुष मरीज को करीब 8 साल पहले कैंसर के कारण अपना लिंग खोना पड़ा था। हालांकि युवक के लिए यह ऑपरेशन उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आया।
इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व डॉ. जितेंद्र मेहता ने किया। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने मरीज के हाथ के ऊपरी हिस्से का शाफ्ट, त्वचा और ऊतकों की सहायता से लिंग की संरचना बनाई, मूत्रमार्ग की नली का भी पुनर्निर्माण किया गया।
इसके बाद तैयार अंग को मरीज के जघन भाग (Genital Area) में प्रत्यारोपित किया गया। इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हिस्सा था रक्त संचार की बहाली, नसों में संवेदनशीलता और अंग की कार्यशीलता को सुनिश्चित करना। हालांकि इसके लिए टीम ने अत्याधुनिक माइक्रोवैस्कुलर तकनीक का उपयोग किया, जिसमें अत्यंत सूक्ष्म रक्तवाहिनियों को विशेष उपकरणों से जोड़ा जाता है।
सर्जरी के बाद अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन की ओर लौट रहा है। यह सर्जरी माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी की श्रेणी में आती है, जो प्लास्टिक सर्जरी का सबसे सूक्ष्म और अत्याधुनिक रूप है। इस सर्जिकल प्रक्रिया में सूक्ष्म रक्तवाहिनियों को विशेष उपकरणों से जोड़ा जाता है और अंगों को नया जीवन दिया जाता है।