उद्धव और राज ठाकरे के साथ आने की हो रही थी बात, तभी एकनाथ शिंदे ने चला बड़ा दांव! महाराष्ट्र में बढ़ी सियासी हलचल
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन को लेकर चर्चा पहले से जोरों पर है। इस बीच, शिंदे की शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने आज मनसे प्रमुख से मुलाकात की है।
आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनावों (BMC Election 2025) की पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मंगलवार सुबह एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री उदय सामंत अचानक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के शिवतीर्थ निवास स्थान पर पहुंचे। इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच लगभग पौने घंट चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि सामंत ने शिवसेना-मनसे गठबंधन का प्रस्ताव राज ठाकरे के समक्ष रखा। खास बात यह है कि राज ठाकरे के चहेरे भाई उद्धव ठाकरे पहले ही मनसे से गठबंधन के लिए सकारात्मक संकेत दे चुके हैं। ऐसे में अगर अब शिंदे गुट की ओर से भी साथ आने का प्रस्ताव आया है, तो राज ठाकरे का निर्णय क्या होगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
विधानसभा चुनाव में नहीं बन सकी थी बात
गौरतलब है कि नवंबर में हुए महाराष्ट विधानसभा चुनाव के दौरान राज ठाकरे ने बीजेपी नीत महायुति गठबंधन में शामिल होने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन शिंदे गुट के विरोध की वजह से मनसे की महायुति में एंट्री नहीं हो सकी। सत्तारूढ़ महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और अजित पवार की एनसीपी शामिल है।
इसका असर दादर की माहिम और वर्ली विधानसभा सीटों पर भी देखने को मिला। माहिम से राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनाव मैदान में थे, वहीं शिवसेना शिंदे गुट ने अंतिम समय में सदा सरवणकर को टिकट दे दिया। जबकि बीजेपी अमित ठाकरे को समर्थन देने के लिए तैयार थी। सरवणकर के मैदान में उतरने की वजह से अमित ठाकरे अपना पहला ही चुनाव बुरी तरह हार गए।
अब जब बीएमसी और अन्य शहरों के नगर निगम चुनाव सिर्फ चार महीने में होने वाले हैं, तो शिवसेना और मनसे के बीच नए सियासी समीकरण बनने की अटकलें लग रहीं हैं। हालांकि महायुति ने पहले ही राज्य के निकाय चुनाव एकसाथ लड़ने की घोषणा की है।
राज ठाकरे से मुलाकात के बाद जब उदय सामंत मीडिया से मुखातिब हुए, तो उन्होंने राजनीतिक चर्चा की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं इस इलाके में आया था, तो सोचा राज ठाकरे जी को फोन करूं। उन्होंने मुझे चाय पर बुलाया और मैंने उनके घर चाय और खिचड़ी खाया। हमारे बीच किसी भी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। अगर होती, तो मैं साफ-साफ बता देता।”
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सामंत ने यह भी कहा कि उनके और राज ठाकरे के संबंध राजनीति से परे हैं और हर मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “अब मैं मुक्तागिरी जा रहा हूं, जहां मैं एकनाथ शिंदे जी से मिलूंगा। तो इसका यह मतलब बिल्कुल न निकाला जाए कि मैं राज ठाकरे का संदेश लेकर शिंदे के पास गया था।”
भले ही शिंदे के करीबी नेता उदय सामंत ने गठबंधन की अटकलों को फिलहाल विराम देने की कोशिश की। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात को आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर अहम माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं।