रविवार को सीएम फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ नेता शरद पवार के बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, मुझे हैरानी है कि इतने बड़े नेता के पास कोई चुनाव को प्रभावित करने की गारंटी लेकर आए और न तो इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई, न पुलिस से, न ही उन्होंने कोई कार्रवाई की। क्या इसका मतलब यह है कि आपने उनका इस्तेमाल करके देख लिया था? उन्होंने पवार के दावे को सिर्फ कहानी गढ़ने की कोशिश करार दिया।
फडणवीस ने आगे कहा कि चुनाव आयोग कई बार खुली चुनौती दे चुका है कि कोई ईवीएम हैक करके दिखाए, लेकिन अब तक कोई ऐसा नहीं कर पाया। उन्होंने अपील की कि झूठे आरोप लगाकर जनादेश का अपमान करना बंद होना चाहिए।
शरद पवार ने दावा किया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो व्यक्तियों ने उनसे नई दिल्ली में मुलाकात की थी और 288 में से 160 निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्ष की जीत की गारंटी दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया। उन्होंने (गांधी ने) दोनों व्यक्तियों द्वारा कही गयी बात को नजरअंदाज कर दिया। उनका यह भी मानना था कि हमें (विपक्ष को) ऐसे मामलों में नहीं पड़ना चाहिए और सीधे जनता के पास जाना चाहिए।’’
इससे पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘राहुल गांधी के दावों के बाद पवार यह खुलासा क्यों कर रहे हैं? इससे पहले पवार ने कभी भी ईवीएम में हेरफेर के बारे में गांधी के दावों का समर्थन नहीं किया। चाहे कुछ भी हो, भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं… गांधी ऐसी कहानियां सुनाते हैं जो सलीम-जावेद की पटकथा जैसी लगती हैं और पवार ने जो कहा है वह भी वैसी ही पटकथा लगती है।’’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीट जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीट जीतीं। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीट में से 30 पर जीत हासिल करने वाली महाविकास आघाडी (MVA) ने अपनी हार के लिए ईवीएम में हेराफेरी को जिम्मेदार ठहराया था।
इस पूरे बयानबाजी से साफ है कि महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक होने वाले निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक हमले और तेज होने वाले हैं।