सुसाइड नोट में छलका दर्द
बताया जा रहा है कि शिवशरण ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने अपने इस कदम के पीछे किसी को भी दोषी नहीं ठहराया है। सुसाइड नोट में लिखा, “मैं शिवशरण… मुझे अब जीने की इच्छा नहीं है। जब मेरी मां दुनिया छोड़कर गई तब मुझे भी जाना चाहिए था, लेकिन मामा और दादी का चेहरा देखकर जिंदा रहा। अब मां ने मुझे सपने में बुलाया है, उसने मुझसे कहा ‘तू इतना तनाव में क्यों है? मेरे पास आ जा…’ इसीलिए अब मैं भी जा रहा हूं। मामा और दादी का बहुत धन्यवाद, उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया। बहुत सपोर्ट किया…”
डॉक्टर बनना चाहता था शिवशरण
बताया जा रहा है कि शिवशरण की मां का तीन महीने पहले निधन हो गया था, जिससे वह गहरे मानसिक तनाव में था। शिवशरण को 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 92% अंक मिले थे। उसका सपना डॉक्टर बनने का था। उसके मामा महादेव ने बहन (बच्चे की मां) के निधन के बाद उसे अपने घर सोलापुर बुला लिया था, जहां एक कॉलेज में उसका एडमिशन कराया था और उसे प्राइवेट ट्यूशन भी लगवाया था। मामा उसका पूरा ख्याल रखते थे, लेकिन मां की कमी को शिवशरण सह नहीं सका। शिवशरण के पिता एक निजी शिक्षण संस्थान में काम करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। शिवशरण के असमय चले जाने से पूरा परिवार सदमे में है। मोहल्ले और स्कूल में भी शोक की लहर है। जो कभी डॉक्टर बनने के सपने देख रहा था, उसने इतनी छोटी उम्र में ही जिंदगी को अलविदा कह दिया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
स्कूल में छात्र की गला घोंटकर हत्या
वहीँ, महाराष्ट्र के जालना जिले में एक आवासीय स्कूल में झगड़े के बाद दो नाबालिग छात्रों ने कथित तौर पर 8 वर्षीय लड़के की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। जलना जिले के एसपी अजय कुमार बंसल ने बताया कि मृतक नाबालिग भोकरदन तहसील में आदिवासी बच्चों के लिए संचालित सरकारी सहायता प्राप्त एक अंग्रेजी स्कूल का छात्र था। उनमें किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और आगे जांच चल रही है।