निर्यातकों को भारी नुकसान की आशंका
गैस आपूर्ति बाधित होने से फैक्ट्रियों में चल रहे ऑर्डर तैयार करने का काम रुक गया है। निर्यातकों का कहना है कि एक दिन की देरी से भी कंटेनर शिपमेंट मिस हो सकता है, जिससे उन्हें अगली खेप भेजने के लिए एक हफ्ते तक इंतजार करना पड़ता है। इससे न केवल डिलीवरी में देरी होती है, बल्कि ग्राहक भी दबाव बनाते हैं और आर्थिक नुकसान की आशंका रहती है।
कुछ निर्यातकों ने समय रहते की तैयारी
टोरेंट गैस द्वारा पहले ही सूचना देने के बावजूद कई उद्यमियों ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की थी। जिन फैक्ट्रियों में सिलिंडरों की व्यवस्था नहीं हो पाई, वहां 2 जून तक सभी गैस-आधारित कार्य बंद कर दिए गए हैं। हालांकि कुछ निर्यातकों ने सिलिंडरों के जरिए तैयारी कर ली थी, जिससे उनके काम पर असर नहीं पड़ा।
सीएनजी वाहन चालकों की भी बढ़ी मुश्किलें
गैस आपूर्ति बंद होने का असर सिर्फ फैक्ट्रियों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सीएनजी वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। मुरादाबाद में टोरेंट गैस के 26 सीएनजी स्टेशन हैं, लेकिन फिलहाल केवल छह स्टेशनों पर ही गैस उपलब्ध रही। कई ऑटो चालकों ने गैस न मिलने पर अपने वाहन खड़े कर दिए। टोरेंट गैस के सहायक महाप्रबंधक पी.के. चौधरी ने बताया कि हमने जिला प्रशासन को स्थिति की जानकारी दी है और सहयोग मांगा है। सोमवार रात 11 बजे से गैस आपूर्ति बहाल हो जाएगी। इसके बाद समस्या नहीं होगी।
फैक्ट्रियों में पीक सीजन, अमेरिका-यूरोप के ऑर्डर अटके
वर्तमान में फैक्ट्रियों में पीक सीजन चल रहा है। अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों के ऑर्डर तैयार किए जा रहे हैं। अमेरिका के ऑर्डर विशेष रूप से जल्द शिपमेंट के लिए तैयार थे, लेकिन गैस की सप्लाई बाधित होने से इन ऑर्डरों पर असर पड़ा है। उम्मीद है कि 3 जून से गैस आपूर्ति बहाल होने के बाद फैक्ट्रियों में काम दोबारा सुचारु रूप से शुरू हो सकेगा।