scriptUP Flood: खतरे के निशान पर कोसी नदी! पहाड़ों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से बढ़ा बाढ़ का खतरा, 15 हजार हेक्टेयर फसलें तबाह | kosi river water level flood alert uttarakhand dams release UP Flood | Patrika News
मुरादाबाद

UP Flood: खतरे के निशान पर कोसी नदी! पहाड़ों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से बढ़ा बाढ़ का खतरा, 15 हजार हेक्टेयर फसलें तबाह

UP Flood News: कोसी नदी खतरे के निशान पर बह रही है। पहाड़ों से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के चलते जलस्तर बढ़ा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

मुरादाबादAug 08, 2025 / 08:21 am

Mohd Danish

kosi river water level flood alert uttarakhand dams release UP

UP Flood: खतरे के निशान पर कोसी नदी! Image Source – Social Media

Kosi river water level flood alert uttarakhand dams release UP: पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही तेज बारिश से नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कोसी नदी गुरुवार को खतरे के निशान के करीब 209 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का स्तर 209.69 मीटर निर्धारित है। इस बढ़ते जलस्तर ने निचले इलाकों के गांवों में बाढ़ का संकट खड़ा कर दिया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर ग्रामीणों से अपील की है कि वे नदियों के पास न जाएं और पशुओं के चारे के लिए भी नदी पार करने से बचें।

पहाड़ों से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी

उत्तराखंड के रामनगर बैराज से गुरुवार सुबह 8 बजे 12,176 क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा गया। इसके अलावा दढ़ियाल बांध से 25,000 क्यूसेक और लालपुर वियर से 40,545 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। इससे जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है।
रामगंगा नदी: हुसैनगंज बांध से 45,700 क्यूसेक और गंगापुर भोपतपुर बांध से 46,600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। खतरे का स्तर: हुसैनगंज बांध पर 196.36 मीटर (वर्तमान 195.36 मीटर), गंगापुर भोपतपुर बांध पर 171.80 मीटर (वर्तमान 170.80 मीटर)।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित चौकियों पर कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है। जिला अधिकारी जोगिन्दर सिंह और पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी होगी।

15 हजार हेक्टेयर फसलें तबाह

लगातार बारिश और नदियों के उफान से लगभग 15,000 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। धान, गन्ना, ज्वार-बाजरा और मक्का की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जिन किसानों ने नदी किनारे धान की पौध लगाई थी, वह पूरी तरह डूब चुकी है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा के अनुसार, नदियों की भूमि पर बोई गई फसलों का मुआवजा नहीं दिया जाता है और कृषि विभाग इन्हें गणना में भी शामिल नहीं करता।

पुलों पर पानी, यातायात ठप

घुघा नदी में जलस्तर बढ़ने से मजरा हसन का संपर्क मार्ग पुल पानी में डूब गया है। पुल के ऊपर करीब दो फीट पानी बह रहा है, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। नैया नदी का पानी भी लोहड़ी माजरा हसन संपर्क मार्ग पर बह रहा है। खानपुर उत्तरी और लोहार इनायत गंज की फसलों में भी नदी का पानी घुस गया है, जिससे किसानों में दहशत का माहौल है।

सावधानी ही सुरक्षा

प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और अनावश्यक जोखिम न लें। साथ ही, पशुपालकों को चेतावनी दी गई है कि वे पशुओं के लिए चारा लेने हेतु नदी पार करने की कोशिश न करें। बाढ़ चौकियों पर तैनात टीमें हर पल हालात पर नजर रख रही हैं।

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