दो बोरियों में भरकर ले जाई जा रही थी करेंसी
डिलारी थाना क्षेत्र में पुलिस जब नियमित वाहन चेकिंग कर रही थी, उसी दौरान एक स्विफ्ट डिजायर कार को रोका गया। जैसे ही गाड़ी रुकी, तीन लोग गाड़ी से उतरकर मौके से फरार हो गए। वहीं, कार में मौजूद तीन अन्य लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया। गाड़ी की जांच के दौरान पुलिस को डिक्की में दो प्लास्टिक की बोरियां मिलीं। जब इन्हें खोला गया तो एक बोरी में 1000 रुपये के नोटों की 76 गड्डियां और 81 नोट यानी कुल 76,81,000 रुपये बरामद हुए। वहीं दूसरी बोरी में 500 रुपये की 146 गड्डियां और 36 नोट मिले, जिनकी कुल कीमत 73,18,000 रुपये थी। इस तरह कुल 1 करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये की पुरानी बंद हो चुकी करेंसी बरामद हुई।
सीतापुर का सिपाही भी शामिल
पुलिस ने मौके से रियाज, विक्की गौतम और यासीन नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी यूपी पुलिस का सिपाही बताया जा रहा है। जबकि यूसुफ, सत्तार और फैसल नाम के तीन आरोपी फरार हो गए हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें गठित कर दी गई हैं।
कम रेट में बदलते थे करेंसी
पूछताछ में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपी पुराने नोटों को कम कीमत पर नई करेंसी में बदलने का नेटवर्क चला रहे थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये लोग 10 प्रतिशत कमीशन लेकर बंद हो चुकी करेंसी को खपाने का काम कर रहे थे। यह काम काफी समय से संचालित किया जा रहा था। ED और आयकर विभाग को भेजी गई रिपोर्ट
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि मामले में आयकर विभाग की टीम से संपर्क किया गया है। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी जानकारी दे दी गई है। आगे की जांच आर्थिक अपराधों के दृष्टिकोण से की जा रही है।