एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति कार में अवैध कारतूस लेकर आ रहा है। इस सूचना के आधार पर एटीएस और पल्लवपुरम पुलिस ने रैपिड स्टेशन के पास जाल बिछाया और संदिग्ध कार को रोक लिया। कार चला रहे युवक ने अपने गले में आर्मी का आईडी कार्ड डाल रखा था। पूछताछ में उसकी पहचान नगली आजड़ निवासी आर्मी सिपाही राहुल के रूप में हुई। जब उसकी कार की तलाशी ली गई, तो उसमें से AK-47 के 70 कारतूस बरामद हुए। पुलिस ने तत्काल कारतूस और कार को कब्जे में लेकर राहुल को थाने ले आई। एटीएस के अमित कुमार भाटी ने इस मामले में थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन से चुराए थे कारतूस
सिपाही राहुल ने पूछताछ में बताया कि ये कारतूस उसे जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में मिले थे, जिन्हें उसने छिपा कर रखा था। वर्तमान में राहुल की तैनाती महाराष्ट्र के अहमदनगर में सीटी बटालियन एमआईसी एंड एस ट्रेनिंग सेंटर में है। जब एटीएस ने उससे कारतूस रखने का लाइसेंस मांगा, तो वह कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका।
दोस्त को बेचने जा रहा था, खुद फंसा
जांच में सामने आया है कि छुट्टी पर आया राहुल शास्त्रीनगर निवासी अपने एक दोस्त को ये कारतूस देने आया था। राहुल ने बताया कि जब उसकी इस दोस्त से दोस्ती हुई थी, तो उसने खुद को एसटीएफ में तैनात बताया था। इस दोस्त ने राहुल से कारतूस मांगे थे, यह कहते हुए कि उसके कारतूस गुम हो गए हैं और उसकी नौकरी खतरे में है। इसी के बाद राहुल ने छुट्टी पर आने के दौरान उसे कारतूस लाकर देने की बात कही थी। राहुल छुट्टी पर आने के बाद दोस्त को फोन कर एक कॉलेज के पास बुलाया। राहुल तय स्थान पर पहुंच गया, लेकिन उसका दोस्त नहीं आया। इसी दौरान एटीएस और पुलिस मौके पर पहुंच गई। बताया गया है कि जब एक युवक राहुल के पास पहुंचा, तो राहुल कारतूस उसके ऊपर फेंक कर भागने लगा। इस दौरान राहुल की कार पर फायरिंग भी होने की बात सामने आई है। हालांकि, पुलिस ने राहुल को पकड़ लिया। मौके पर ही आर्मी के कमांडिंग ऑफिसर पुनित शर्मा भी पहुंचे और राहुल से पूछताछ की।