जिला अध्यक्ष कंचन राय ने बताया कि यह प्रदर्शन संयुक्त मोर्चा आंगनवाड़ी के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को भी इसी तरह का प्रदर्शन हुआ था। हमने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी भेजा जाएगा।
कंचन राय ने आगे बताया कि 2 अक्टूबर 1975 को रखी गई मांगों के 50 साल पूरे होने पर 5 अक्टूबर को जीपीयू पार्क में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। प्रमुख मांगों में वेतन वृद्धि शामिल है। वर्तमान में एजुकेटर को 10,000 रुपये मिल रहे हैं, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र और राज्य सरकार मिलाकर मात्र 6,000 रुपये दे रही है। उन्होंने एजुकेटर भारती की नियुक्तियों का भी विरोध किया, जो कुछ जनपदों में की जा रही हैं।
हमारी बहनें जो है ईसीसी के अंतर्गत जिसके अंतर्गत रखा जाता है उसकी ट्रेनिंग भी ले चुकी है। हम यही पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार के पास बजट नहीं है और आप एजुकेटर को कहां से बजट दे रहे हैं।
डिजिटल काम का किया विरोध
कंचन राय ने कहा कि हम लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि डिजिटल कम करिए ठीक है लेकिन हमको जो है फेस आईडी राशन जो हम लोग वितरण करते थे उसमें फेस उन्होंने कहा कि जो गर्भवती प्रसूता रहती है उसका बच्चा हो जाता है आज हमको राशन देना है तो कल रात में एडमिट हो गई है तो उसका फेस आईडी हम लोग कहां से लेकर आएंगे। और राशन कैसे वितरण करेंगे। यह बड़ा सवाल है।