पूरे परिवार के साथ की हवन-पूजा
मामला जमुनापार क्षेत्र के गांव डहरुआ का है। मूल रूप से शेरगढ़ के रहने वाले जाकिर वर्षों से यहां अपनी ससुराल में रहते हैं। गुरुवार को जाकिर ने वृंदावन के श्री जी वाटिका कॉलोनी में अपनी पत्नी, बेटों, बहुओं और पोते-पोतियों के साथ विधि-विधान के साथ हिंदू धर्म को अपनाया।
सभी के नाम संस्करण हुए
वेदपाठी ब्राह्मणों ने हवन-पूजा के साथ सभी के नामकरण संस्कार कराए। धर्म परिवर्तन के बाद जाकिर का नाम जगदीश, उनकी पत्नी गुड्डी का नाम गुड़िया, बड़े बेटे अनवर का नाम सुमित, छोटे बेटे रनवर का नाम रामेश्वर, बहू सबीरा का नाम सावित्री और पोते-पोतियों का नाम साबिर, जोया और नेहा से क्रमश: शत्रुघ्न, सरस्वती और स्नेहा रखा गया। दबाव में अपनाया था इस्लाम
मीडिया से बात करते हुए जगदीश ने कहा, ‘ हमारे पूर्वज हिंदू थे और गुर्जर समुदाय से थे। उन्होंने मुगल आक्रांताओं के दबाव में आकर इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था।” जगदीश ने आगे बताया कि मन, वचन और कर्म से मैं देवी काली की पूजा करता रहा हूं। गांव के लोग आज भी मुझे ‘भगत जी’ कहते हैं। मैंने हिंदू धर्म में पूरी आस्था रखते हुए, बिना किसी दबाव के यह कदम उठाया है।