गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों का विवरण
शिवा पुत्र दीवान सिंह, हाल निवासी मकान नंबर-12, पुष्प विहार फेस-2, थाना हाईवे, मथुरा। मूल रूप से माल गाँव, थाना मर्गारा, जनपद मथुरा का निवासी है। देवेंद्र सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह (उम्र 21 वर्ष), निवासी सेंट पॉल कॉलोनी फेस-1, थाना हाईवे, जनपद मथुरा। मूल निवासी ग्राम धाना तेजा, थाना रिफाइनरी, जनपद मथुरा।
बरामदगी का विवरण
एसटीएफ टीम ने दोनों अभियुक्तों के पास से कुल 470 ग्राम स्मैक बरामद की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग ₹6,11,000/- आंकी गई है। इसके अतिरिक्त मौके से 03 मोबाइल फोन, ₹10,870/- की नकदी, और एक नीली रंग की पल्सर मोटरसाइकिल (यूपी 65 CW 8629) भी बरामद की गई।
गिरफ्तारी की कार्यवाही
गिरफ्तारी की यह कार्रवाई 26 जुलाई 2025 को रात्रि 10:10 बजे की गई। इस दौरान एसटीएफ टीम को खुफिया जानकारी प्राप्त हुई कि दो संदिग्ध व्यक्ति एक नीली पल्सर बाइक पर सवार होकर ध्रुव घाट चौराहा, थाना सदर, मथुरा के पास मौजूद हैं और उनके पास मादक पदार्थ हो सकता है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए टीम ने तत्काल क्षेत्राधिकारी सदर श्री भूषण वर्मा को साथ लिया और बताए गए स्थान पर पहुंचकर दोनों अभियुक्तों को दबोच लिया।
टीम गठन और ऑपरेशन की रूपरेखा
इस पूरे अभियान का नेतृत्व राकेश, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई, आगरा के पर्यवेक्षण में किया गया। ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा, हेड कांस्टेबल बल्देव सिंह, आरक्षी अंकित गुप्ता, प्रदीप चौधरी, हरपाल सिंह, और चालक महेश रावत शामिल थे। टीम ने गहन खुफिया नेटवर्क का प्रयोग करते हुए कई दिनों से तस्कर गिरोह की गतिविधियों पर नजर बनाए रखी थी। लगातार सर्वेक्षण और लोकेशन ट्रैकिंग के पश्चात यह सफलता हाथ लगी।
अभियुक्तों की स्वीकारोक्ति
पूछताछ के दौरान दोनों अभियुक्तों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि वे एक संगठित गिरोह बनाकर पिछले दो वर्षों से स्मैक की तस्करी कर रहे हैं। स्मैक को जनपद कासगंज से मोटरसाइकिल द्वारा मथुरा लाया जाता था, जहां उसे विभिन्न स्थानों पर छोटी-छोटी पुड़ियों में पैक कर बेचा जाता था। एक पुड़िया (1 ग्राम) को ₹1400/- में बेचा जाता था। उन्होंने यह भी बताया कि वे स्मैक को कभी-कभी क्लिस्ट (kite) फॉर्म में और कभी पाउडर फॉर्म में लाते थे, जिससे ग्राहक को धोखा देना आसान होता था। इनकी गतिविधियाँ मथुरा के कई संवेदनशील क्षेत्रों में फैली हुई थीं, जिनमें स्कूल-कॉलेजों और युवाओं की भीड़ भाड़ वाले इलाके शामिल हैं।
गिरोह का नेटवर्क और संभावित लिंक
प्रारंभिक जांच से संकेत मिले हैं कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के साथ-साथ, राजस्थान और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों से भी जुड़ा हो सकता है। एसटीएफ द्वारा अब इनसे जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है और इनके बैंक खातों, मोबाइल फोन कॉल डिटेल्स, और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।
कानूनी कार्रवाई
गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इनके नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
एसटीएफ की अपील
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को नशीले पदार्थों की तस्करी, बिक्री या संग्रहण की जानकारी मिले, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या एसटीएफ को सूचित करें। समाज के युवाओं को नशे के जाल से बचाने के लिए यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यह कार्रवाई न सिर्फ मथुरा जनपद में सक्रिय नशा तस्करों के गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता है, बल्कि यह एसटीएफ की सतर्कता, खुफिया संकलन और तेज़ कार्यवाही का प्रमाण भी है। नशा मुक्त समाज की दिशा में यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।