बसना थाना प्रभारी नरेन्द्र राठौर ने बताया कि प्रार्थिया जिबिया ई पिता इफरैम (26) सेवा भवन हास्पिटल जगदीशपुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके मोबाइल पर कुछ व्यक्तियों ने खुद को टेलिकाम डिपार्टमेंट मुंबई व मुंबई क्राइम ब्रांच का पुलिस होना बताकर कॉल किया और कहा कि आपके मोबाइल नंबर की गतिविधि संदिग्ध है। जिससे आपका मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद हो जाएगा। इसके बाद उसने मुंबई क्राइम ब्रांच से जोड़ना बताकर फोन पर एक आदमी से बात कराई।
जिसने अपना नाम विजय कुमार और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर होना बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड का उपयोग कर मुंबई में एक सिम लिया गया है। क्लीयरेंस के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की आवश्यकता है। इसके लिए आपको मुंबई आना पड़ेगा। प्रार्थिया ने मुंबई जाने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिए वीडियो काल से स्टेटमेंट देना होगा। आपका आधार नंबर केनरा बैंक मुंबई के एक खाता से जुड़ा हुआ है। इसी दौरान उसने खाता नंबर व मेरे खाते में कितना पैसा है यह पूछ लिया।
आरटीजीएस के माध्यम से दो बार भेजी गई राशि
बातचीत करते हुए उसने किसी नरेश गोयल का नाम लिया व बताया कि वह मनीलांड्रिंग केस में आरोपी है। जिसके खाता का पैसा आपके खाता में आया। प्रार्थिया ने उनकी बातों में आकर बसना आकर एचडीएफसी बैंक के अपने खाते से आरटीजीएस के माध्यम 350000 रुपए भेजा। 16 जुलाई को 200000 रुपए आरटीजीएस के माध्यम से भेजा। इस पर आरोपी ने कहा कि आपका वेरिफिकेशन हो गया है। कल सुबह तब आपको आपका पैसा आपके खाते में वापस कर दिया जाएगा। लेकिन खाते में पैसा वापस नहीं आया।