मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि संपत्ति बनाने में कड़ी मेहनत लगती है और सार्वजनिक संपत्ति तो राष्ट्र की धरोहर है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र की संपत्ति को नष्ट करने वाला कानून का मुजरिम है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे। ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि आगे से वे कानून को हाथ में लेने से पहले सौ बार सोचेंगे।’ यह बयान योगी सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
100 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास
12 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोकभवन में एक कार्यक्रम में विभिन्न बोर्डों के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के टॉपर विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने इन मेधावियों को एक लाख रुपये का चेक, एक टैबलेट, प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर उनका उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, लखनऊ एवं माध्यमिक संस्कृत शिक्षा निदेशालय, नवीन भवन सहित 100 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास भी किया। उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का इतिहास
ध्यान देने योग्य है कि उत्तर प्रदेश में दंगा-उपद्रव करने वालों के खिलाफ योगी सरकार हमेशा से ही बेहद सख्ती से पेश आती रही है। इसका ताजा उदाहरण संभल हिंसा है, जहां प्रशासन ने दंगाइयों के पोस्टर चौराहों पर लगवाकर उनसे वसूली करने की बात कही थी। इसके अतिरिक्त, कई जगहों पर अपराध से अर्जित या गैरकानूनी निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है, जो अपराधियों के खिलाफ सरकार की कड़ी कार्रवाई का प्रतीक बन गया है। यह घोषणा दर्शाती है कि सरकार अब जनता के सहयोग से ऐसे तत्वों पर और भी प्रभावी ढंग से लगाम कसने की तैयारी में है।