
अटल जी से गहरा नाता, स्मृतियों को संजोने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तर प्रदेश से गहरा जुड़ाव रहा है। उनका पैतृक निवास आगरा के बटेश्वर में है, उच्च शिक्षा उन्होंने कानपुर से प्राप्त की, राजनीति की शुरुआत बलरामपुर से की और लंबे समय तक लखनऊ से सांसद रहे। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि अटल जी की स्मृतियों को सुरक्षित रखने के लिए बलरामपुर में सरकार मेडिकल कॉलेज का निर्माण कर रही है। इसके अलावा अटल आवासीय विद्यालय से श्रमिकों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।चिकित्सा शिक्षा में बड़ा बदलाव
मुख्यमंत्री ने पिछले आठ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई प्रगति का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अटल जी की प्रथम पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में लोक भवन परिसर में अटल जी की प्रतिमा का अनावरण किया और प्रदेश की पहली मेडिकल यूनिवर्सिटी अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की। वर्तमान में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के आंकड़े
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य ढाँचे के परिणाम स्पष्ट दिख रहे हैं।
- मातृ मृत्यु दर (MMR) 201 से घटकर 141 पर आ गई है।
- शिशु मृत्यु दर (IMR) 43 से घटकर 37 तक पहुँची है।
- संस्थागत प्रसव दर 67% से बढ़कर 96% हो गई है।
- टीकाकरण कवरेज 99% के करीब पहुँच चुका है।
- एन्सेफलाइटिस से मृत्यु दर में 99% तक की कमी आई है।
आधुनिक संस्थान और आयुष शिक्षा
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में कैंसर, डायबिटीज और अन्य जटिल रोगों के उपचार के लिए अत्याधुनिक संस्थानों की स्थापना की जा रही है। लखनऊ में कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट तैयार हो चुका है। SGPGI में 500-बेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और डायबिटीज सेंटर बन रहा है। IIT कानपुर परिसर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एवं मेडिकल रिसर्च सेंटर की भी शुरुआत हो रही है।साथ ही, आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना और आयुष बोर्ड का गठन किया गया है। राज्य भर में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं का विस्तार हो रहा है।

अटल जी- भारतीय राजनीति के ‘अजातशत्रु’
समारोह के स्वागत भाषण में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का अजातशत्रु बताया। उन्होंने कहा कि अटल जी के व्यक्तित्व में विपक्षी भी मित्रता का भाव देखते थे। वे राजनीति में शुचिता और सेवा भाव के प्रतीक थे। इस अवसर पर ब्रजेश पाठक द्वारा लिखित पुस्तक “अतुलनीय अटल (व्यक्तित्व, विचार व विरासत)” का विमोचन हुआ, जिसमें अटल जी से जुड़ी स्मृतियाँ और उनकी कविताओं के अंश संकलित हैं।शिखर पुरुष की स्मृति में काव्य पाठ
पद्मश्री कवि एवं लेखक सुरेंद्र शर्मा ने जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण–राधा पर आधारित काव्य पाठ प्रस्तुत किया और अटल जी को याद करते हुए संस्मरण साझा किए। उन्होंने कहा “अटल जी कहते थे कि अगर आप हार का जश्न मनाते हो तो जीतने वाला भी हार जाता है। वे भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे, जिन्होंने हर पीड़ा को उल्लास में बदल दिया।”उन्होंने यह भी कहा कि अटल जी ने कभी अपनी साहित्यिक प्रतिभा को राजनीति पर हावी नहीं होने दिया।
अन्य नेताओं के विचार
- उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अटल जी का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहा है और आज भारत विश्व पटल पर नई ऊंचाइयां छू रहा है।
- राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने अटल जी से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए कहा कि वे सभी दलों में प्रिय थे और उनका कोई विरोधी नहीं था।
- पद्मश्री लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने बताया कि अटल जी का वाचन शैली इतनी प्रभावशाली थी कि उन्हें सुनना हमेशा एक अद्भुत अनुभव होता था।
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अटल जी को सुशासन का प्रतीक बताया और कहा कि उनकी यादें सदा प्रेरणा देती रहेंगी।