पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार महिलाओं ने बताया कि वे उज़्बेकिस्तान की नागरिक हैं और उनके पासपोर्ट व वीजा कथित तौर पर खो गए हैं। उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि उनकी मुलाकात डॉ. विवेक गुप्ता से हुई थी, जिन्होंने उनकी प्लास्टिक सर्जरी की और उन्हें बिना पहचान पत्र के ही भारत में रहने की अनुमति दी। इसके अतिरिक्त, त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा नामक व्यक्ति ने भी उन्हें रहने में मदद की।
एफआरआरओ टीम ने जानकारी दी कि डॉ. विवेक गुप्ता और त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा के खिलाफ विदेशी अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। यह मामला अवैध रूप से विदेशी नागरिकों को शरण देने और उनकी पहचान बदलने जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ा है।
डॉक्टर विवेक गुप्ता से पूछताछ जारी
पुलिस डॉ. विवेक गुप्ता से गहन पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने अब तक कितने लोगों की प्लास्टिक सर्जरी कर उनके चेहरे बदले हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, चेहरे में बदलाव के कारण ये महिलाएं आसानी से भारतीय परिवेश में घुलमिल गई थीं और विदेशी नहीं लगती थीं, जिससे उन्हें यहां अवैध रूप से रहने में आसानी हुई।
मुख्य गैंग लीडर की तलाश तेज
पुलिस इस रैकेट के मुख्य गैंग लीडर की तलाश में जुटी हुई है, जिसकी पहचान उज़्बेकिस्तान निवासी लोयोला के रूप में हुई है। लोयोला के खिलाफ उज़्बेकिस्तान सरकार ने पहले ही लुक आउट नोटिस जारी कर रखा था। वह वहां से भागकर चोरी-छिपे लखनऊ में रह रही थी और उसने कथित तौर पर अर्जुन से शादी कर ली थी, जो खुद को पत्रकार बताता था।