अभियान की रूपरेखा और सरकार के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर जिले का जिलाधिकारी स्वयं इस अभियान की प्रतिदिन समीक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि किसान रजिस्ट्री के लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। राजस्व विभाग को आदेश दिया गया है कि सभी राजस्व अधिकारियों को मानक कार्यप्रणाली (SOP) उपलब्ध कराई जाए। अधिकार अभिलेख (Land Records) में मालिकों के नाम आधार के अनुरूप सही किए जाएंगे, जिससे किसानों की पहचान में किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए। अभियान के दौरान उन किसानों का डाटा फील्ड अधिकारियों द्वारा वेरिफाई किया जा रहा है, जो अब तक रजिस्ट्री में शामिल नहीं हो पाए हैं।
अब तक की प्रगति: आधे से ज्यादा किसान रजिस्टर्ड
- प्रदेश में अब तक 1.45 करोड़ से अधिक किसानों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है, जो कुल लक्ष्य का 50% से अधिक है।
- बिजनौर जिला 58% से अधिक रजिस्ट्री के साथ सबसे आगे है।
- इसके बाद हरदोई (57.84%), श्रावस्ती (57.47%), पीलीभीत (56.89%) और रामपुर (56.72%) का नाम टॉप-5 जिलों में शामिल है।
100% वेरिफिकेशन वाले जिले
कुछ जिलों में किसानों का डाटा पूरी तरह वेरिफाई हो चुका है। इनमें अमरोहा, आजमगढ़, बलरामपुर, एटा और जौनपुर प्रमुख हैं। इन जिलों में प्रशासन ने फील्ड लेवल पर तेजी से काम करते हुए किसानों की जानकारी को आधार और भूमि अभिलेख से मिलान कर लिया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जोड़ने की तैयारी
योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की अगली किस्त जारी होने से पहले सभी पात्र किसानों का 100% पंजीकरण पूरा होना चाहिए। इससे किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिलेगी और किसी भी पात्र किसान का नाम योजना से छूटेगा नहीं।
जिलाधिकारियों के लिए सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि पिछड़ रहे जिलों पर विशेष फोकस किया जाए। अतिरिक्त मानव संसाधन, विशेष कैंप और मोबाइल टीमों के जरिए रजिस्ट्री तेजी से पूरी की जाए। किसानों को जागरूक करने के लिए IEC (Information, Education and Communication) गतिविधियां चलें- गांव स्तर पर घोषणाएं, पोस्टर, पर्चे, ग्राम सभाओं में प्रचार और सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो। अभियान से जुड़े संभावित लाभ
- योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन: किसानों के वास्तविक डाटा के आधार पर सब्सिडी, बीज, खाद और योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
- भूमि अभिलेखों का सुधार: मालिकों के नाम आधार से जोड़ने से जमीन के रिकॉर्ड सही और अद्यतन होंगे।
- डुप्लीकेसी खत्म होगी: एक ही किसान के नाम पर बार-बार लाभ लेने की संभावना खत्म होगी।
- PM-KISAN और अन्य योजनाओं की कवरेज बढ़ेगी: किसी भी पात्र किसान का नाम छूटने की संभावना न्यूनतम होगी।
अभियान की चुनौतियां
- बड़े जिलों में फील्ड स्टाफ की कमी: पिछड़े जिलों में रजिस्ट्री की गति धीमी होने का बड़ा कारण।
- किसानों की जानकारी का अभाव: बहुत से किसान अभी तक यह नहीं जानते कि फार्मर रजिस्ट्री क्यों जरूरी है।
- जटिल कागजी प्रक्रियाएं: भूमि अभिलेखों में नाम सुधार और आधार लिंकिंग में समय लगता है।
जमीनी तैयारी और रणनीति
- हर जिले में किसान पंजीकरण शिविर लगाए जाएंगे।
- ग्राम पंचायत स्तर पर मोबाइल वेरिफिकेशन टीमें बनाई जाएंगी।
- जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि फील्ड निरीक्षण करें और धीमी गति वाले ब्लॉकों पर तुरंत कार्रवाई करें।