कब और कैसे हुई गिरफ्तारी
19 जुलाई की रात, एसटीएफ को पुख्ता सूचना मिली कि एटीएम ठगों का गिरोह लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र में सुल्तानपुर रोड पर सक्रिय है और एक गाड़ी से विभिन्न एटीएम बूथों पर ठगी के इरादे से घूम रहा है। इस सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम में निरीक्षक राघवेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक अतुल चतुर्वेदी, प्रदीप सिंह, कांस्टेबल नीरज पांडेय, सुशील सिंह, अमर श्रीवास्तव, और अन्य शामिल थे। टीम ने गोसाईगंज क्षेत्र में घेराबंदी कर संदिग्ध कार को रोका और उसमें सवार पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
- गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई है:
- झानेंद्र शुक्ल पुत्र चंद्रमणि शुक्ल -गिरोह का सरगना, निवासी प्रतापगढ़
- उमेश यादव पुत्र हरिकेश यादव -निवासी जेठवारा, प्रतापगढ़
- रोशन सिंह पुत्र कामबहादुर सिंह -निवासी गणेशीपुर, प्रयागराज
- शिव प्रकाश सिंह पुत्र हरिश्चंद्र सिंह -निवासी गणेशीपुर, प्रयागराज
- विपेंद्र सिंह पुत्र रणविजय सिंह – निवासी गणेशीपुर, प्रयागराज
बरामद सामग्री
- पुलिस ने इन आरोपियों के पास से निम्नलिखित वस्तुएं बरामद की:
- 75 एटीएम कार्ड (विभिन्न बैंकों के)
- 4 मोबाइल फोन
- 5090 रुपये नकद
- फॉक्सवैगन कार (UP32QS8279 नंबर)
गिरोह का तरीका और रणनीति
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। गिरोह का मुख्य काम होता है,बैंक एटीएम बूथ पर ग्राहकों को धोखे से कार्ड बदलना और खाते से रकम निकालना।
गिरोह का कार्यप्रणाली कुछ इस प्रकार थी - गिरोह के सदस्य एटीएम बूथ के पास खड़े हो जाते और बुजुर्ग, अशिक्षित या असहाय व्यक्तियों को निशाना बनाते।
- जैसे ही कोई व्यक्ति पैसे निकालने के लिए अंदर जाता, ये सदस्य सहायता का नाटक करते और पिन कोड देखने का प्रयास करते।
- फिर धोखे से कार्ड बदलकर असली कार्ड अपने पास रख लेते।
- कुछ ही समय में पास के अन्य बूथ से सारा पैसा निकाल लेते।
- इस प्रक्रिया में आरोपी फर्जी कार्डों का भी इस्तेमाल करते और जरूरत पड़ने पर मोबाइल फोन और सिम भी बदल देते थे ताकि ट्रेस न हो सकें।
कानूनी कार्यवाही और धाराएं
गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों के विरुद्ध थाना गोसाईगंज, जनपद लखनऊ में मु.अ.सं. 355/2025 के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 3(5), 61(2)(A), 112, 313, 317(2), 318(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपियों से पूछताछ जारी है।
एसटीएफ की सतर्कता
एसटीएफ के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में इस प्रकार की एटीएम धोखाधड़ी की कई घटनाएं सामने आई थीं। गिरोह तकनीकी तौर पर काफी सतर्क था और पुलिस को भ्रमित करने के लिए वाहन, सिम कार्ड और ठिकाने लगातार बदलता रहता था। एसटीएफ ने कई जिलों में सक्रिय इकाइयों को इस नेटवर्क पर नजर रखने और खुफिया जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद यह सफलता प्राप्त हुई। जनता के लिए चेतावनी और सुझाव
- एसटीएफ ने आम जनता से अपील की है कि वे एटीएम कार्ड का प्रयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
- एटीएम बूथ में किसी अनजान व्यक्ति की सहायता न लें।
- पिन टाइप करते समय कीपैड को हाथ से ढकें।
- एटीएम से बाहर निकलने के बाद ट्रांजैक्शन स्लिप जरूर लें।
- कार्ड में कोई भी परिवर्तन नजर आए तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचना दें।
- बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे एटीएम पर गार्ड तैनात करें और सीसीटीवी की निगरानी को मजबूत बनाएं।