आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 4 जून तक करें आवेदन- जानिए पात्रता, कोर्स और प्रक्रिया
तबादले की वजह क्या है
- लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनाती से स्थानीय प्रभाव और गुटबाजी बढ़ती है।
- भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की आशंका रहती है।
- विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- सभी जिलों में अनुभवी अभियंताओं का संतुलन बनाए रखना।
कौन-कौन है सूची में
PWD के मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिन JE की एक ही जिले में 8 वर्ष या उससे अधिक की तैनाती है, उन्हें प्राथमिकता पर तबादले की सूची में शामिल किया गया है। ऐसे अभियंता जो सिर्फ अपने गृह जनपद में तैनात हैं, उन्हें भी अन्य जिलों में भेजने की योजना है। सूची में शामिल JE को 15 जून तक कार्यमुक्त करने के निर्देश हैं।विभागीय सूत्रों की मानें तो…
PWD के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार “हम पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाकर तबादले कर रहे हैं। जिन अधिकारियों की तैनाती लंबे समय से एक ही स्थान पर है, उन्हें अब नए ज़िम्मेदारी वाले स्थान पर भेजा जाएगा ताकि काम में नयापन और गति लाई जा सके।”हाउस टैक्स पर राहत: अब 30 जून 2025 तक मिलेगी छूट, ऑनलाइन भुगतान पर 10% और ऑफ लाइन पर 8% की छूट जारी
नियमों के अनुसार कार्यवाही
- उत्तर प्रदेश सरकार के स्थानांतरण नीति-2023 के तहत
- एक ही जिले में 3 से 5 वर्षों से अधिक तैनाती को अनुशंसित नहीं किया गया है।
- प्रत्येक अधिकारी को समय-समय पर अन्य जिलों में भेजना अनिवार्य माना गया है ताकि व्यक्तिगत हितों की जगह विभागीय उद्देश्य प्रमुख बने।
तबादला प्रक्रिया का टाइमलाइन
चरण | तिथि |
सूची तैयार | मई 2025 तक |
अंतिम अनुमोदन | 10 जून 2025 तक |
तबादला आदेश जारी | 12 जून 2025 तक |
कार्यमुक्ति और नई तैनाती | 15 जून 2025 तक |
JE वर्ग में हलचल
इस निर्णय से प्रदेश भर के जूनियर इंजीनियरों में हलचल है। कई JE जो वर्षों से एक ही जिले में जमे हुए थे, अब अन्य जिलों की तैयारी में लग गए हैं। कुछ अभियंताओं का यह भी कहना है कि:”अचानक तबादले से पारिवारिक दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन यदि विभागीय नीति है तो हम उसका पालन करेंगे।”बारिश और आंधी का अलर्ट, तराई और पूर्वी यूपी में बूंदाबांदी के आसार
सरकार की मंशा
यह निर्णय सीधे-सीधे राज्य सरकार की ‘Zero Tolerance on Corruption’ नीति के अनुरूप है। लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात कर्मियों पर अक्सर संदेह की निगाह से देखा जाता है, और यह कदम प्रशासनिक स्वच्छता और जवाबदेही को बढ़ावा देने वाला है।दफ्तर बन गया अखाड़ा: जब दो IRS अफसरों में भिड़ंत ने मचाया हड़कंप, RTI विवाद बना कारण
किन विभागों पर और असर पड़ सकता है
- PWD के इस फैसले के बाद अब अन्य विभाग जैसे:
- जल निगम
- नगर निगम
- सिंचाई विभाग
- बिजली विभाग
- भी अपने अभियंताओं और अफसरों के तबादलों की तैयारी में लग सकते हैं।
क्या मिलेगा लाभ
- नई तैनाती से इंजीनियरों में काम को लेकर नई ऊर्जा आएगी।
- स्थानीय स्तर पर ठेकेदार-अभियंता गठजोड़ टूटेगा।
- कार्यों की गुणवत्ता और गति बेहतर हो सकती है।
- एक स्थान पर जमे रहकर बनाई गई अनौपचारिक लॉबी का प्रभाव घटेगा।