UP Monsoon Entry: यूपी में मानसून की दस्तक से तबाही, बारिश-बिजली गिरने से 48 घंटे में 41 मौतें
Monsoon Havoc in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में मौसम ने कहर बरपाया है। बीते 48 घंटों में आंधी, बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं में 41 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में मौसम का प्रभाव दिखा। बरेली में सर्वाधिक 149 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
बारिश का कहर, 48 घंटे में 41 मौतें, हीटवेव का असर खत्म, मानसून की दस्तक जल्द फोटो सोर्स : Patrika
UP Monsoon Havoc: उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीते 48 घंटों से जारी बारिश और आंधी-तूफान ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश, बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने से अब तक राज्य भर में 41 लोगों की जान चली गई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो यह बारिश मानसून पूर्व गतिविधियों का हिस्सा है और 18 से 20 जून के बीच मानसून के उत्तर प्रदेश में प्रवेश की संभावना है।
राज्य भर में तेज बारिश और बिजली गिरने से त्राहि-त्राहि
बीते 24 घंटे में प्रदेश के 46 जिलों में मूसलाधार बारिश रिकॉर्ड की गई है। बरेली में सर्वाधिक 149 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, सीतापुर, हरदोई, बहराइच, बाराबंकी, और बलिया में भी अच्छी बारिश हुई। इन क्षेत्रों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। राज्य सरकार के अनुसार, इन हादसों में मरने वालों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हैं जो बारिश और आंधी के समय खेतों या खुले स्थानों पर थे। बिजली गिरने से 26 मौतें अकेले पूर्वांचल के जिलों से हुई हैं, जिनमें आज़मगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर और कुशीनगर प्रमुख हैं। अन्य मौतें पेड़ गिरने, दीवार ढहने और करंट लगने से हुई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसों पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने और घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान घरों में रहें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की शरण लें।
हीटवेव से मिली राहत, मानसून की दस्तक जल्द
बीते सप्ताह तक राज्य के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। लेकिन अब अधिकतम तापमान में 5 से 8 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। लखनऊ में अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री, कानपुर में 35.2 डिग्री और प्रयागराज में 36 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाला पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय परिसंचरण के कारण पूरे उत्तर भारत में मौसम में तेजी से बदलाव आया है। इस बीच नमी से भरी दक्षिणी हवाओं के आगमन से मानसून के अनुकूल परिस्थितियां बन गई हैं।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून 17 से 20 जून के बीच बिहार के रास्ते उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा। इसका असर सबसे पहले पूर्वांचल के जिलों – कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, बलिया, मऊ आदि पर दिखाई देगा। उसके बाद यह धीरे-धीरे लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा। 23 जून तक पूरे राज्य में मानसून सक्रिय हो जाएगा।
सावधानी और सतर्कता जरूरी
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले स्थानों से दूर रहें। खेतों में काम करते समय मौसम की स्थिति को देखते हुए काम रोक दें। मोबाइल ऐप्स और रेडियो के माध्यम से मौसम की ताजा जानकारी लेते रहें।
राज्य सरकार ने आपदा राहत विभाग, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। एनडीआरएफ की टीमें संवेदनशील जिलों में तैनात की गई हैं। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई है। जिला प्रशासन को प्रभावित इलाकों का सर्वे कर नुकसान का आकलन करने और शीघ्र मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं।
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