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लखनऊ

1992 बैच के यूपी कैडर के IPS आनंद स्वरूप बनेंगे NHRC के महानिदेशक (जांच), 1 अगस्त से संभालेंगे कार्यभार

IPS Anand Swaroop Appoint: उत्तर प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी आनंद स्वरूप को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का महानिदेशक (जांच) नियुक्त किया है। वे 1 अगस्त 2025 से कार्यभार संभालेंगे। उनके अनुभव और निष्पक्ष छवि के चलते यह नियुक्ति मानवाधिकार जांच प्रणाली के लिए एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।

लखनऊJul 24, 2025 / 11:45 am

Ritesh Singh

IPS News फोटो सोर्स :Social Media X

IPS News फोटो सोर्स :Social Media X

 IPS Anand Swaroop Joining: भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी और उत्तर प्रदेश कैडर के 1992 बैच के अफसर आनंद स्वरूप को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का नया महानिदेशक (जांच) नियुक्त किया है। वे आगामी 1 अगस्त 2025 से अपना कार्यभार संभालेंगे। इस महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था में उनकी नियुक्ति को कानून व्यवस्था, मानवाधिकार रक्षा और पुलिस सुधारों के दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह नियुक्ति न केवल आनंद स्वरूप के समृद्ध अनुभव और बेदाग सेवा का सम्मान है, बल्कि केंद्र सरकार की उस नीति का भी प्रतिबिंब है जिसमें दक्ष और संतुलित अधिकारियों को संवेदनशील और नीति-निर्माण से जुड़े पदों पर नियुक्त किया जा रहा है।

कौन हैं आनंद स्वरूप

आनंद स्वरूप, भारतीय पुलिस सेवा के 1992 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी हैं। अपने तीन दशक से अधिक के सेवा काल में उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई संवेदनशील जिलों में एसएसपी और डीआईजी जैसे प्रमुख पदों पर कार्य किया है। उनके कार्यकाल को कठोर अनुशासन, प्रशासनिक दक्षता और निष्पक्ष कानून व्यवस्था लागू करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, सुरक्षा एजेंसियों, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सचिवालय (NSCS) के तहत की गई सेवाएं प्रमुख हैं।

NHRC में DG (Investigation) का दायित्व

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में महानिदेशक (जांच) का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह अधिकारी आयोग के निर्देश पर मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की जांच कराता है और रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। डीजी (जांच) की भूमिका NHRC की कार्यप्रणाली में न्यायिक और निष्पक्षता की रीढ़ मानी जाती है। भारत जैसे विविधतापूर्ण और विशाल लोकतंत्र में जहां मानवाधिकार के उल्लंघन के अनेक संवेदनशील मामले सामने आते हैं, वहां इस पद की जिम्मेदारी और भी अहम हो जाती है। यह नियुक्ति न केवल जांच प्रक्रिया को गति देगी, बल्कि NHRC की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को भी और सशक्त करेगी।

अब तक के प्रमुख पद और जिम्मेदारियां

आनंद स्वरूप ने अपने करियर में जिन प्रमुख पदों पर कार्य किया, उनमें शामिल हैं:

  • एसएसपी, प्रयागराज, आगरा, वाराणसी, बरेली जैसे बड़े शहर
  • डीआईजी, गोरखपुर रेंज
  • आईजी, वाराणसी जोन और मेरठ जोन
  • एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर, उत्तर प्रदेश
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्य
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी (OSD)
उनकी कार्यशैली को साफ-सुथरा प्रशासन, त्वरित निर्णय और जमीनी स्तर की समझ के लिए जाना जाता है। वे अत्याधुनिक तकनीक, साइबर क्राइम नियंत्रण और सामुदायिक पुलिसिंग में भी रुचि रखते हैं।

मानवाधिकार के मामलों में अनुभव

आनंद स्वरूप का सेवाकाल मानवाधिकार-संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए भी सराहा गया है। उन्होंने विभिन्न अवसरों पर यह सुनिश्चित किया कि पुलिसिंग में न्याय, करुणा और संवेदनशीलता को महत्व मिले। कई अवसरों पर उन्होंने निरोधात्मक कार्रवाई, हिरासत में मृत्युओं और दलित उत्पीड़न के मामलों में पारदर्शी जांच और जवाबदेही को प्राथमिकता दी। NHRC जैसे संगठन में ऐसे अधिकारी की नियुक्ति, जो जमीनी स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण की आवश्यकता को समझता हो, आयोग की कार्यक्षमता को और मजबूती दे सकती है।

नियुक्ति प्रक्रिया और केंद्र सरकार का दृष्टिकोण

आनंद स्वरूप की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 316 के अंतर्गत की गई है, जो राष्ट्रपति द्वारा की जाने वाली उच्च संवैधानिक पदों की नियुक्ति को वैधानिक बनाता है। NHRC में DG स्तर की नियुक्ति केंद्र के गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के परामर्श से होती है। केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में NHRC जैसी संस्थाओं को और सशक्त करने की नीति अपनाई है। आयोग के सदस्यों और अधिकारियों में ऐसी नियुक्तियां की जा रही हैं जो जमीनी अनुभव, कानूनी समझ और संस्थागत निष्पक्षता को साथ लेकर चल सकें।

UP के लिए गौरव की बात

उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए यह एक गौरवपूर्ण क्षण है कि उसके कैडर का एक वरिष्ठ अधिकारी देश की सर्वोच्च मानवाधिकार संस्था में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने जा रहा है। इससे यूपी पुलिस का मनोबल बढ़ेगा और राज्य के अन्य अधिकारियों को भी केंद्रीय स्तर पर कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। राज्य सरकार ने भी इस नियुक्ति को सकारात्मक रूप में लिया है। यूपी के पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे “सेवा का सम्मान और उत्तर प्रदेश के पुलिस ढांचे की स्वीकार्यता का प्रमाण” बताया।

मानवाधिकार आयोग की भूमिका और चुनौतियां

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना 1993 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य देशभर में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना, उल्लंघन के मामलों की जांच कराना और नीति-निर्माण में सुझाव देना है।
हाल के वर्षों में हिरासत में मृत्यु, पुलिस बर्बरता, आदिवासी क्षेत्रों में अत्याचार, महिला उत्पीड़न, और माइनॉरिटी राइट्स से जुड़े मामलों में NHRC की भूमिका अत्यंत सक्रिय रही है। इन सभी संवेदनशील विषयों पर DG (जांच) की भूमिका बेहद निर्णायक होती है। आनंद स्वरूप की नियुक्ति के बाद यह अपेक्षा की जा रही है कि NHRC की जांच प्रक्रिया और भी प्रभावी होगी। मानवाधिकार आयोग में पुलिस पृष्ठभूमि के अधिकारी की मौजूदगी आयोग के अंदर व्यावहारिक, तेज और निष्पक्ष जांच को बल देगी। उम्मीद की जा रही है कि वे प्रौद्योगिकी आधारित जांच, फील्ड वेरिफिकेशन, और प्रशासनिक सहयोग के माध्यम से NHRC की प्रभावशीलता को नया आयाम देंगे।

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