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क्या है फैमिली कार्ड (Family ID)
फैमिली आईडी एक डिजिटल पहचान दस्तावेज है जिसमें एक परिवार के सभी सदस्यों का विवरण होता है। इसमें नाम, जन्म तिथि, लिंग, आधार नंबर, शिक्षा, रोजगार की स्थिति, और योजनाओं से प्राप्त लाभ जैसी जानकारियां दर्ज की जाती हैं। इस एकल पहचान पत्र से सरकार को यह जानने में आसानी होती है कि कौन-सा परिवार किन योजनाओं के लिए पात्र है।उत्तर प्रदेश में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ, जल्द जारी होगा विज्ञापन
शहरी क्षेत्रों के लिए नई शुरुआत
अब तक यह व्यवस्था ग्रामीण इलाकों में लागू थी, लेकिन सरकार ने इसे शहरी क्षेत्रों में भी लागू करने का निर्णय लिया है। शहरी निवासियों को अब नगर निगम कार्यालयों में जाकर फैमिली आईडी कार्ड बनवाने की सुविधा दी जा रही है। साथ ही यह सेवा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी उपलब्ध कराई गई है।7374 शिक्षकों का जून वेतन संकट में, मानव संपदा आईडी नहीं हुई ट्रांसफर
कैसे करें आवेदन
आवेदन के लिए वेबसाइट: familyid.up.gov.inऑफलाइन प्रक्रिया
अपने नजदीकी नगर निगम कार्यालय जाएं। फैमिली कार्ड हेतु निर्धारित फार्म भरें। सभी सदस्यों के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो आदि साथ ले जाएं। फॉर्म जमा करने के बाद निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार फैमिली आईडी जेनरेट होगी।स्कूल में एडमिशन करा दीजिए, वाची की मासूम अपील सुनकर सीएम योगी मुस्कुराए, तुरंत दिया आदेश
ऑनलाइन प्रक्रिया
- पोर्टल familyid.up.gov.in पर लॉगिन करें।
- “नया पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें।
- परिवार के मुखिया का आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- OTP वेरिफिकेशन के बाद आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
- सभी सदस्यों का विवरण भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या प्राप्त होगी, जिससे आप स्टेटस ट्रैक कर सकेंगे।
किन योजनाओं में मिलेगा लाभ
- फैमिली कार्ड से विभिन्न योजनाओं को जोड़ने की तैयारी है। इसमें निम्न योजनाएं शामिल होंगी:
- आयुष्मान भारत योजना
- मुफ्त राशन वितरण योजना
- उज्ज्वला योजना
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
- वृद्धावस्था/विधवा/दिव्यांग पेंशन
- छात्रवृत्ति योजनाएं
- स्वरोजगार और बेरोजगारी भत्ता योजनाएं
सरकार का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के हर परिवार का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो, जिससे “एक परिवार, एक पहचान” की अवधारणा साकार हो सके। इससे लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।परियोजना का संचालन नागरिक संसाधन सूचना विभाग (Citizen Resources Information Department – CRID) द्वारा किया जा रहा है और निगरानी सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से की जा रही है।
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अब तक कितना हुआ काम
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 1.8 करोड़ से अधिक फैमिली आईडी बन चुकी हैं। शहरी क्षेत्रों में यह प्रक्रिया जून 2025 से आरंभ की गई है और लक्ष्य है कि अगले 6 महीनों में सभी नगर निकाय क्षेत्रों में इसे पूरा कर लिया जाए।फायदे आम जनता के लिए
- एक ही पहचान पत्र से सभी सरकारी योजनाओं का लाभ
- कहीं भी सत्यापन में सुविधा
- सरकारी सहायता प्राप्त करने में पारदर्शिता
- योजनाओं की डुप्लीकेसी रुकेगी
- पात्रता का स्वत: निर्धारण
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क्या है विशेषता
- आधार से लिंक होने के कारण पहचान फर्जी नहीं हो सकती
- हर सदस्य को एक यूनिक फैमिली आईडी नंबर
- मोबाइल OTP आधारित आवेदन प्रक्रिया
- भविष्य की योजनाओं में सीधे लाभ