UP Flood Alert: यूपी में आफत की बारिश, बाढ़ जैसे हालात, CM Yogi ने दिए राहत कार्यों के निर्देश
Torrential Rains Wreak Havoc in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। सीएम योगी ने राहत व बचाव कार्य तेज करने और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
CM योगी ने राहत और बचाव कार्यों के लिए जारी किए निर्देश फोटो सोर्स : Social Media
UP Flood: उत्तर प्रदेश में मौसमी बदलाव ने जानलेवा रूप ले लिया है। पिछले कुछ दिनों से राज्य के ज्यादातर हिस्सों में जारी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार करता जा रहा है, जबकि निचली इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को राहत व बचाव कार्यों को मजबूत करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
नदियों— यमुना, घाघरा, गंगा का जलस्तर कई जगहों पर ऑडर-2 और 3 स्तर तक पहुंच गया है।
शहरों में जलभराव, सड़के डूबने, यातायात बाधित होने और इलाकों में मूसलाधार पानी का सैलाब देखने को मिला है।
कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद, पत्थर-धंसी सड़कें, बिजली-पानी की कटौती, घरों के नुकसान की घटनाएं सामने आ रही हैं।
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF/ NDRF), जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारी स्थिति का 24×7 मुआयना कर रहे हैं। यमुना तटबंधों की नियमित निगरानी की जा रही है और फील्ड स्तर पर फौरी बचाव कार्य जारी हैं।
विस्तृत सर्वे और SC के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों को फील्ड में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि “प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया जाए और समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। राहत सामग्री समय पर लोगों के दरवाजे तक पहुंचानी होगी।” इसके तहत जनपदों में अनूठी फील्ड टीम बनाई जा रही है, जिसमें बीडीओ, एडीएम, सीओ, एम ओ, एएमओ और एनडीआरएफ/एसडीआरएफ टीमें शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री की मंशा है कि किसी भी जल प्रभावित स्थल पर खाद्य सामग्री, पेयजल, मेडिकल सुविधा, दवा, और स्वच्छता उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। इलेक्ट्रिक, जल निगम और मेडिकल संस्थान एक दूसरे के साथ समन्वय से कार्य करें। बचाव कार्य की लाइव रिपोर्टिंग और कार्य की निष्पक्ष समीक्षा हर 6 घंटे में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित की जाए।
एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की सक्रियता
CM ने निर्देश दिया है कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तत्काल प्रभाव से तटबंधों, निचले इलाकों और जल-भागों में भेजी जाएँ। इन टीमें:
बोट और स्पीडबोट सहित अत्याधुनिक बचाव उपकरणों से लैस हैं।
प्रभावित लोगों को उचित समय पर रिहाउसमेंट कैंप में पहुंचाती हैं।
जल्द चिकित्सा सहायता पहुंचाने, सामान बचाने और आँधी-बारिश में फंसे लोगों का बचाव करने की तैयारी में हैं।
राज्य में इन बाढ़ राहत दलों को पहली बार इतनी व्यापक पैमाने पर तैनात किया जा रहा है।
प्रभावित जिलों की चुनौतियां
1. मेरठ और गाजियाबाद: बड़ी नदियों के किनारे बसे इन जिलों में बाढ़ की गुंजाइश अधिक बनी हुई है। नदी किनारे बसे गांवों में नवाचार कार्ययोजना अंतर्गत टूटते तटबंधों की तुरंत मरम्मत की जा रही है।
2. कन्नौज, कानपुर व गोरखपुर: नदी गिरावट के बावजूद भित्ति क्षति और दलदल फैलने की समस्या है। विशेष दलों द्वारा बाड़ेबंदी, नाला सौध, स्वच्छता एवम् मिट्टी स्थिरीकरण कराया जा रहा है।
3. गाजियाबाद–गोरखपुर आलावा अन्य जिलों: शहरों में ड्रेन सफाई कराई जा रही है, नाले की दीवारों को सील व गार्ड की मरम्मत कराई जा रही है।
अधिकारी सख्ती: राशन, बिजली, चिकित्सा सुनिश्चित
मुख्यमंत्री योगी ने सुनिश्चित किया है कि किसी भी प्रभावित जिले में:
राशन की कोई कमी न हो। राहत कैंपों में पर्याप्त राशन, सूखे खाद्यान्न, तैयार खाने की व्यवस्था हो।
पेयजल समस्या नहीं हो, वाटर टैंकर, मिनरल वाटर की आपूर्ति लगातार हो।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें दिन-रात तैनात हों, वायरल फीवर, डायरिया जैसी बीमारियों पर उचित प्रो टोकॉल अपनाए जाएँ।
मोबाइल क्लीनिक व्यवस्था और पुलिस-फोर्स को पूर्ण सुरक्षा मिले।
जल स्तर के आंकड़े और सतर्कता
यमुना का जलस्तर छत्तीसगढ़ बैंड से 3 मीटर ऊपर आया है, ऑर्डर 2 चेतावनी सीमा से 0.75 मीटर अधिक।
घाघरा -गंगा ने भी खतरे की सीमा पार की है।
इसके कारण कई एमबीईडी पलट गए, हजारों लोग सुरक्षित आश्रय शिविरों में शिफ्ट किए गए।
प्रशासन ने दृश्य संकेतक और जलस्तर मॉनिटरों को हर घंटे अपडेट रखने का निर्देश दिया है ताकि समय रहते राहत कार्य संभव हो।
आगामी योजना
राज्य सरकार गतिविधियों को सतत बनाए रखने की योजना बना रही है:
बाढ़ प्रतिरोधी संरचनात्मक सुधार, जैसे तटबंध सुदृढ़ीकरण, नदी तट सुरक्षा, नई ड्रेनेज सिस्टम का कार्य।
डिजास्टर मैनेजमेंट के डिजिटल प्लेटफॉर्म, जहां हर रिपोर्टिंग फील्ड स्तर से सीधे राज्य स्तर तक पहुँच सके।
ग्रामीण निकायों को ट्रेनिंग, ताकि लोकल बचाव कार्य तीव्रता से किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने जनता से भी अपील की है कि “जनसामान्य सतर्क रहें, अधिकारियों को सहयोग दें, नदियों के किनारे न जाएँ और जल निकासी में हथियार बने।” राजनीतिक दलों, सामाजिक संस्थाओं और ग्रामीण कल्याण समितियों को भी किया गया जिम्मेवार।
एकजुटता से संभव है राहत
इस भारी बारिश के दौर में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनजीवन बचाने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कवायद तेज कर दी है। CM की सक्रियता, प्रशासन की सतर्कता, साथ ही एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की तैनाती ने राहत कार्य को गति प्रदान की है। हालात तेजी से नियंत्रित हो रहे हैं, लेकिन इसकी सफलता का आधार रहेगा समन्वित प्रयास, समय पर निर्णय, और जनसामान्य का सहयोग। विशेषज्ञ कहते हैं कि आपदा से निकलने का एकमात्र रास्ता है समीर यकृत उपाय, फील्ड की दबावयुक्त निगरानी और दीर्घकालिक बाढ़ संचालनों का निर्माण। शासन जनता के साथ खड़ा है और विश्वास जताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश इस विपद् को एकजुट होकर पार करेगा।
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