क्या है पूरा मामला
अभिषेक प्रकाश जब सिद्धार्थनगर जिले में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तब भटगांव क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान भारी अनियमितताएं सामने आईं।
- भूमि के गलत मूल्यांकन द्वारा सरकारी फंड का दुरुपयोग
- जमीन के रिकॉर्ड में फेरबदल
- बिना नियमानुसार प्रक्रियाओं को अपनाए अधिग्रहण
- निजी हितों को साधने के लिए पद का दुरुपयोग
- सरकारी अधिकारियों और बिचौलियों के साथ मिलीभगत
चार्जशीट में क्या है
- राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर जो चार्जशीट नियुक्ति विभाग को सौंपी गई है, उसमें भ्रष्टाचार, प्रशासनिक लापरवाही, वित्तीय अनियमितता और पद के दुरुपयोग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में दर्ज है कि ₹40 करोड़ से अधिक की सरकारी राशि की ग़लत तरीके से मंजूरी दी गई।
- ज़मीन के असली मालिकों को नजरअंदाज कर कुछ विशेष लोगों को मुआवजा दिया गया।
- अधिग्रहण में शामिल कई दस्तावेजों पर मनमानी हस्ताक्षर प्रक्रिया अपनाई गई।
- परियोजना की आड़ में निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाया गया।
जांच रिपोर्ट कैसे हुई तैयार
राजस्व विभाग ने इस मामले में कई दौर की फील्ड जांच, दस्तावेजी जांच और गवाहों के बयान के बाद रिपोर्ट तैयार की है। जांच में पाया गया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में ना केवल मूल्यांकन में गड़बड़ी की गई, बल्कि शासन के दिशा-निर्देशों की भी अनदेखी हुई।
आगे की कार्रवाई क्या होगी
अब यह चार्जशीट नियुक्ति विभाग (Department of Personnel) के पास पहुंच गई है, जो इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई का अगला कदम उठाएगा। संभव है कि:
विभागीय जांच बैठाई जाए
- सेवा से बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो
- केस CBI या ED को सौंपा जाए
- संबंधित अफसरों को भी घसीटा जाए
अभिषेक प्रकाश कौन हैं
अभिषेक प्रकाश 2010 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे लखनऊ, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज समेत कई जिलों में तैनात रह चुके हैं। लखनऊ में बतौर DM उनके कार्यकाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और इन्वेस्टर्स समिट को लेकर वे चर्चा में रहे। लेकिन प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर उन पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
राजनीतिक हलकों में हलचल
IAS अधिकारी पर इतने गंभीर आरोप लगने से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे सरकार की “लचर नौकरशाही निगरानी” बताया है, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि “किसी को नहीं बख्शा जाएगा।”
जनमानस में प्रतिक्रियाएं
भटगांव और आसपास के क्षेत्रों में जहां जमीन अधिग्रहण हुआ था, वहां के किसानों और ग्रामीणों ने प्रशासन पर भारी नाराज़गी जताई है। कई लोगों का कहना है कि उन्हें आज तक उचित मुआवजा नहीं मिला, जबकि कुछ के नाम रिकॉर्ड में ही नहीं थे।
आगे की संभावनाएं
यह मामला अब एक हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार जांच की दिशा में बढ़ सकता है। यदि जांच में लगाए गए आरोप साबित होते हैं तो IAS अभिषेक प्रकाश की नौकरी भी जा सकती है और उन्हें आपराधिक मामलों का सामना भी करना पड़ सकता है।