लखनऊ में पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें
- लखनऊ में जून की शुरुआत तक जो दरें चल रही हैं, वे निम्नानुसार हैं:
- पेट्रोल: ₹94.65 प्रति लीटर
- डीजल: ₹87.76 प्रति लीटर
मई 2025 के दौरान ये कीमतें थोड़े अंतराल में उतार-चढ़ाव के साथ दर्ज की गईं। पेट्रोल ₹94.52 से ₹94.73 प्रति लीटर के बीच रहा, वहीं डीज़ल की कीमत ₹87.61 से ₹87.86 प्रति लीटर के दायरे में रही।
पूरे उत्तर प्रदेश में क्या रही स्थिति
राज्य स्तर पर पेट्रोल की औसत कीमत रही ₹95.03 प्रति लीटर, जबकि डीजल ₹87.86 प्रति लीटर पर स्थिर देखा गया। मई 2025 में उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमत ₹95.03 से ₹95.13 प्रति लीटर तक रही, जो बताता है कि बाजार में सीमित बदलाव रहे हैं।
1.मूल्य परिवर्तन का विश्लेषण
- छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन इन गिरावटों का एक सार्थक विश्लेषण जरूरी है:
- लखनऊ में पेट्रोल की कीमत में गिरावट: ₹0.08
- लखनऊ में डीजल की कीमत में गिरावट: ₹0.10
- उत्तर प्रदेश स्तर पर पेट्रोल की कीमत में गिरावट: ₹0.11
- इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य के भीतर ही लखनऊ और अन्य जिलों में ईंधन दरों में एक जैसी प्रवृत्ति रही।
2.पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं
- भारत में ईंधन की खुदरा कीमतें विभिन्न घटकों से मिलकर तय होती हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें
- वैश्विक बाजार में तेल की मांग और आपूर्ति की स्थिति सबसे प्रमुख कारण होती है।
- रुपया-डॉलर विनिमय दर
- भारत अपने अधिकतर कच्चे तेल का आयात करता है, जिससे डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत सीधा असर डालती है।
- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगाए गए कर
- उत्पाद शुल्क (Excise Duty) और वैट (VAT) जैसे कर पेट्रोल-डीजल को महंगा करते हैं।
3.डीलर कमीशन
- पेट्रोल पंप मालिकों को मिलने वाला कमीशन भी कीमत में शामिल होता है।
- परिवहन और भंडारण लागत
- दूरस्थ इलाकों में यह लागत अधिक होती है, जिससे वहां कीमतें ज़्यादा हो सकती हैं।
उपभोक्ताओं और वाहन मालिकों पर असर
- हालांकि ₹0.10 या ₹0.11 की गिरावट बहुत बड़ी नहीं कही जा सकती, फिर भी लंबे समय में यह असर डाल सकती है। विशेषकर उन लोगों के लिए जो:
- दैनिक परिवहन पर निर्भर हैं (कैब ड्राइवर, डिलीवरी ब्वॉय आदि)
- ट्रक और बस सेवाएं चलाते हैं
- किसानों के लिए ट्रैक्टर व अन्य डीजल-आधारित मशीनरी चलाना
- अगर कीमतें इसी तरह थोड़ी-थोड़ी कम होती रहीं, तो ट्रांसपोर्ट लागत और महंगाई पर भी असर पड़ सकता है।
सरकार ने फिलहाल किसी बड़े टैक्स रिवीजन की घोषणा नहीं की है, लेकिन तेल कंपनियों द्वारा रेट तय करने में पारदर्शिता बढ़ाने की बातें कही जा रही हैं। केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें वैट और एक्साइज ड्यूटी में संभावित छूट की संभावना को समय-समय पर समीक्षा के आधार पर देखती हैं।
क्या कीमतें और गिर सकती हैं
- मौजूदा स्थिति में:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत स्थिर है
- ओपेक देशों की सप्लाई रणनीति भी संतुलित बनी हुई है
- घरेलू स्तर पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है
इसलिए निकट भविष्य में कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना कम ही है। लेकिन मानसून आने के बाद और ट्रांसपोर्ट डिमांड में बदलाव के साथ मामूली उतार-चढ़ाव संभव है।
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
- ईंधन खर्च पर नजर रखें – ऐप्स या स्प्रेडशीट की मदद से हफ्ते भर के खर्च का हिसाब रखें।
- कारपूल और सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनें, जब संभव हो।
- वाहन की नियमित सर्विसिंग कराएं – इससे ईंधन की खपत कम होती है।
- ईंधन की कीमतों पर नजर रखने के लिए भरोसेमंद वेबसाइट या ऐप का प्रयोग करें