भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पूरे देश में मानसून के पूर्ण आगमन की अनुमानित तिथि 8 जुलाई है, लेकिन इस बार मानसून ने समय से पहले ही अधिकतर हिस्सों में दस्तक दे दी है। उत्तर प्रदेश में भी मानसून की गतिविधियां तेज हो गई हैं और इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से महसूस किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा बारिश बलरामपुर में
प्रदेश में बलरामपुर जिला सबसे आगे रहा, जहां बीते 24 घंटों में सर्वाधिक 89 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा राजधानी लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, अयोध्या, झांसी सहित कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली। झांसी में लगातार बारिश के कारण स्थानीय नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं।
गंगा खतरे के निशान के करीब
मेरठ में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में गंगा कई जगहों पर खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। प्रशासन ने एहतियातन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है।
13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, 26 पर येलो अलर्ट
राज्य मौसम विभाग अमौसी (लखनऊ) के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और 26 जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट वाले जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में शामिल हैं: लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोंडा, महाराजगंज, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर। वहीं यलो अलर्ट वाले जिलों में: लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अमेठी, आजमगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली समेत अन्य जिले शामिल हैं।
मानसून ट्रफ लाइन और बंगाल की खाड़ी से मिली मजबूती
मौसम विभाग ने बताया कि इस बार मानसून की ट्रफ लाइन सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसक गई है। यह ट्रफ लाइन पंजाब के फिरोजपुर से होते हुए सोनीपत, अयोध्या, गया और पुरुलिया के रास्ते बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र से मानसून को अतिरिक्त ऊर्जा मिल रही है, जिससे राज्य में बारिश की सक्रियता और बढ़ गई है।
कृषि और जल स्रोतों के लिए राहत, पर सावधानी जरूरी
इस बार की बारिश से किसानों को बड़ी राहत मिली है। खेतों की सिंचाई की जरूरतें पूरी हो रही हैं और खरीफ की फसल की बुवाई की प्रक्रिया को भी बल मिला है। वहीं बारिश से जलस्तर बढ़ने से जल स्रोतों में सुधार हो रहा है, जिससे भविष्य की जल आपूर्ति व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हालांकि प्रशासन ने भारी वर्षा की संभावनाओं को देखते हुए सभी जिलों के जिला अधिकारियों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। नदियों के किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ा दी गई है और नावों, राहत सामग्री, मेडिकल टीमों को तैयार रखा गया है।
जनजीवन पर असर, स्कूलों में अवकाश की संभावना
लखनऊ और वाराणसी जैसे बड़े शहरों में बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव की समस्या सामने आई है। यातायात प्रभावित हुआ है और जनजीवन अस्त-व्यस्त होता दिख रहा है। स्कूलों और कॉलेजों में भी बारिश के कारण अवकाश की संभावनाएं जताई जा रही हैं, हालांकि इस संबंध में स्थानीय प्रशासन की तरफ से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। अगले 48 घंटों में क्या रहेगा मौसम का मिजाज
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों में राज्य भर में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इसके बाद भी अगले कुछ दिनों तक मानसून की सक्रियता बनी रहने की संभावना है। तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे गर्मी और उमस से परेशान लोगों को राहत मिली है।