UP Monsoon 2025: मानसून की धीमी रफ्तार: लखनऊ से झांसी तक तापमान में उबाल, लू का खतरा बढ़ा
UP Weather: उत्तर प्रदेश में मानसून की धीमी रफ्तार के चलते लखनऊ, झांसी, वाराणसी जैसे जिलों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है और बारिश की उम्मीद कम नजर आ रही है, जिससे लू की आशंका गहराती जा रही है।
Lucknow Monsoon 2025: उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून की रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है। मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में फिलहाल बारिश की संभावना बेहद कम है। इस कारण न सिर्फ तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, बल्कि आने वाले दिनों में लू जैसी स्थिति के बन जाने की आशंका भी जताई जा रही है। खासतौर पर लखनऊ, झांसी, प्रयागराज, कानपुर और वाराणसी जैसे जिलों में दिन के तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है, और यह 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार इस साल मानसून सामान्य से देर से और कमजोर उत्तर प्रदेश पहुंचा है। हालांकि मई के अंतिम सप्ताह और जून की शुरुआत में आमतौर पर अच्छी वर्षा होती है, लेकिन इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी युक्त हवाएं उत्तर भारत तक पूरी ताकत से नहीं पहुंच पा रही हैं। नतीजतन, आसमान में बादल तो बनते हैं लेकिन वर्षा नहीं हो रही।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि राजस्थान और पंजाब की ओर बने उच्च दबाव क्षेत्र ने नमी के प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया है। यह उच्च दबाव का क्षेत्र न केवल बादलों की रचना को रोकता है, बल्कि मौजूदा नमी को भी वापस धकेल देता है। यही कारण है कि आसमान में बादल मंडराते तो हैं, लेकिन उनसे बूंदें नहीं बरस रहीं।
बढ़ते तापमान से लू की आशंका
राज्य के कई जिलों में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा रहा है। झांसी, बांदा और चित्रकूट जैसे बुंदेलखंड के जिलों में पारा 43 डिग्री तक पहुंच चुका है। दिन में चिलचिलाती धूप और रात में भी उमस के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो लू (Heatwave) की स्थिति गंभीर हो सकती है। लू का असर सबसे अधिक बुजुर्गों, बच्चों और दिल या फेफड़े की बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता को लू से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने लोगों को दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचने, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनने, और भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह दी है। इसके अलावा, नगर निगम और प्रशासन को सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था, शीतल पेय और छांव वाले स्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
फसलों पर संकट के बादल
बारिश की कमी का सीधा असर खेती-किसानी पर भी दिखने लगा है। आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में धान की रोपाई की तैयारी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार सूखे खेतों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली और हरदोई जैसे जिलों में किसान सिंचाई के लिए ट्यूबवेल और पंप सेट का सहारा ले रहे हैं, जिससे बिजली की खपत और डीजल पर निर्भरता बढ़ गई है। किसान संगठन राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि यदि जल्द बारिश नहीं हुई, तो फसल बीमा और बिजली सब्सिडी जैसे राहत पैकेजों की घोषणा की जाए।
क्या कहती है मौसम पूर्वानुमान रिपोर्ट
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 5–7 दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। तापमान में वृद्धि और हवाओं की दिशा में बदलाव के कारण मानसून की प्रगति और अधिक विलंबित हो सकती है। हालांकि, जून के तीसरे सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है, जिससे उत्तर भारत में कुछ हद तक वर्षा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रशासन की तैयारी
राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हीट वेव एक्शन प्लान के अनुसार कार्य करें। अस्पतालों में पर्याप्त ORS, दवाइयों और कूलिंग व्यवस्था की तैयारी रखी जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लू के लक्षणों की पहचान और त्वरित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। वहीं शिक्षा विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कई जिलों में गर्मी की छुट्टियों को पहले घोषित कर दिया है।