डबल मंजिला, किफायती मकान
ये आवास लगभग 34 वर्ग मीटर के हैं, चार मंजिला बिल्डिंग में बने हैं और प्रत्येक की कीमत ₹4.79 लाख निर्धारित की गई है। मकान केवल ₹3 लाख वार्षिक आय तक वाले, पूर्व में शहर में कोई घर न रखने वाले पात्र आवेदकों के लिए ही रिज़र्व हैं, जो योजना की शर्तों के अनुसार पात्रता रखते हैं।
प्रारंभिक आवेदन और पात्रता जांच
करीब तीन वर्ष पहले, एलडीए ने बसंतकुंज में इस योजना के तहत आवासों का पंजीकरण शुरू किया था। कुल 9,238 आवेदक ऑनलाइन स्वरूप में पंजीकृत हुए, जिनकी पात्रता की जांच नगर उपक्रम डूडा (नगरीय विकास अभिकरण) ने की। अंततः 7,784 आवेदनकर्ता पात्र विकल्पों में शामिल हुए। एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि “लॉटरी की प्रक्रिया की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आईजीपी में 24 जुलाई से लॉटरी कार्यक्रम की घोषणा की गई है।” देरी के कारण
- इस आवंटन में देरी के कई कारण थे:
- पात्रता जाँच प्रक्रिया: पात्रता निर्धारण हेतु आवेदकों को डूडा में उपयुक्त पंजीकरण कराना पड़ा, जिससे प्रारंभिक देरी रही।
- अकबरनगर विवाद: पिछले वर्ष एक मोहल्ला निकासी विवाद के पश्चात् उस इलाके के आवासों की नियोजन लिए समायोजन करना पड़ा।
- अंतिम तकनीकी व कानूनी प्रक्रिया: लॉटरी डालना पहले संभव नहीं था; अत्यावश्यक कानूनी क्लीयरेंस निर्धारित समय में प्राप्त हुए।
लॉटरी की प्रक्रिया और दिन विशेष
एलडीए ने लॉटरी कार्यक्रम को विभाजित तिथियों पर आयोजित करने का निर्णय लिया है ताकि सभी श्रेणियों के आवेदक समुचित रूप से शामिल हो सके:
- 24 जुलाई: दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, SC/ST श्रेणी
- 25 जुलाई: ओबीसी और अन्य पिछड़ा वर्ग
- 26 जुलाई: सामान्य श्रेणी आवेदक
- विशेष क्लास वितरण से यह सुनिश्चित होगा कि दलगत असंतुलन न हो और सभी पात्रों को公平 अवसर मिले।
स्तरीय व्यवस्थाएँ और पारदर्शिता
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम हेतु एलडीए ने तैयारी शुरू कर दी है। कार्यक्रम की कार्यवाही को सार्वजनिक रूप से स्ट्रीम करने की योजना है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। कर्मचारी नियुक्ति, लॉटरी मशीन की तकनीकी जांच, लॉग्रेडिंग, वीडियो कैमरा, बॅकअप पावर जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
जिम्मेदारी और जवाबदेही
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने स्पष्ट किया है कि लॉटरी, आवंटन और गृह प्रवेश के बाद सभी पट्टा धारकों के दस्तावेजों की सत्यता प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। यथा कोई प्रमाणपत्र में गड़बड़ी पाए जाने पर पट्टा निरस्त करने का प्रावधान है। प्रभावितों की प्रतिक्रिया
- लॉटरी प्रक्रिया को लेकर आवेदकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है।
- प्रमिला देवी (सीनियर नागरिक): “इन मकानों का इंतज़ार लम्बा हुआ, लेकिन लॉटरी कार्यक्रम निश्चित रूप से उम्मीद है।”
- राहुल यादव (युवा वर्ग): “ऑनलाइन पंजीकरण के बाद भी पात्रता जाँच प्रक्रिया में सम्मिलित कर लिया गया, अब बस लॉटरी का परिणाम देखना है।”
एलडीए ने आश्वासन दिया है कि आवंटन के तुरंत बाद परिसर की इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, जल, पार्किंग, फायर सेफ्टी को सुव्यवस्थित किया जाएगा। पट्टाधारी परिवारों को टर्रैस व सामुदायिक सुविधाओं का साथ-साथ प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। परियोजना को लॉक करना नहीं है; एलडीए ने घोषणा की है कि पट्टा धारकों की न्यूनतम 20 वर्ष तक रहने की शर्त लागू होगी, ताकि मकान आवास के कार्य साकार हों।